लखनऊ। सहकारिता विभाग में पूरी भर्ती प्लानिंग से की गई है, भर्ती परीक्षा लेने वाली एजेंसियों के संचालक और अधिकारियों में रिश्तेदारी होने की बात सामने आ रही है। इसमें सेवा मंडल के अध्यक्ष ने पूर्व की एजेंसी को हटाकर अपनी मनमाफिक एजेंसी को काम दिया। यही नहीं जो भी सरकार आई उसने इसका फायदा उठाया। अब एजेंसी से अधिकारियों के लिंक जोड़े जा रहे हैं। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में इस मिलीभगत का खुलासा किया है।
एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन अध्यक्ष उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल, राम जतन यादव ने भर्तियों के लिए राम प्रवेश यादव की कंप्यूटर एजेंसी एक्सिसडिजीनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी विज्ञापन, टेंडर व कोटेशन की प्रक्रिया के परीक्षा के लिए नियुक्त किया था।
इसी कंपनी के साथ मिलकर ही ओएमआर शीट्स में हेराफेरी की गई। साथ ही कंप्यूटर एजेंसी के संचालक ने स्कैनिंग में इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को राम जतन के साथ मिलकर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से नष्ट किया। राम जतन ने एक्सिसडिजीनेट को नियुक्त करने के लिए एक अन्य एजेंसी को हटाया था।
एसआईटी का मानना है कि अध्यक्ष व एजेंसी संचालक के बीच पहले से कोई नजदीकी संबंध थे। इसी कारण पूर्व की कंपनी को हटाकर नियम विरुद्ध दूसरी कंपनी को काम दिया गया।