शेखर की रिपोर्ट
रेमडेसिविर घोटाले में पहले से ही 3 अस्पतालों पर गाज गिरी हुई है वही आज बोकारो के 11 प्राइवेट अस्पतालों में सीआईडी के रडार पर है 11 निजी अस्पतालों को चिन्हित कर जिला प्रशासन को जांच का निर्देश दिया था अभी तीन अस्पतालों पर करवाई हुई है 14 अस्पताल पर कॉल कोरोना के दौरान मरीजों के इलाज में इंजेक्शन का उपयोग हुआ इससे संबंधित हर तरह की डिटेल जानकारी के साथ इलाज के दौरान उन्हें जो भी कागज दे दिए गए हैं उसकी जांच में जुट गई है अब यह मामला राजस्थान का हो जाने की वजह से जिला पुलिस सीआईडी के निर्देश के इंतजार में है पूरे मामले पर सीआईडी मुख्यालय नजर बनाई हुई है बताया जा रहा है कि जाने वाले कुछ दिनों में सीआईडी की टीम इस मामले की जांच के लिएरांची से बोकारो पहुंचेगी. सूचना के आधार पर यह पता चला है कि इन तीनों अस्पताल के अलावा बाकी 11 साल में भी जीना मरीजों का इलाज हुआ है जहां पर भी व्यापक पैमाने पर मरीज के परिजनों के मनमाने तरीके से रुपए लिए जाने की बात सामने आई है इसे लेकर वह बिंदु पर जांच की तैयारी चल रही है
सीआईडी के रिपोर्ट मैं दिन 14 निजी अस्पतालों पर गड़बड़ी का आरोप है उनमें
आदित्य सेवा सदन कोऑपरेटिव कॉलोनी बोकारो, खुशी नर्सिंग होम कोऑपरेटिव कॉलोनी बोकारो, कृष्णा नर्सिंग होम कोऑपरेटिव कॉलोनी बोकारो, वेल मार्ग हॉस्पिटल नया मोर बोकारो, जैन अस्पताल सेक्टर 9,शिवम् अस्पताल सेक्टर 4, ग्लोबल अस्पताल सेक्टर 9 लाइफ केयर अस्पताल जैना मोर, माँ नर्सिंग होम जाना मोड़,
देवांस अस्पताल, आईटीआई मोड़ रानी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मामा कुदर शिव शक्ति नर्सिंग होम आईटीआई मोर्चा अस्पताल संतओपेल अस्पताल जैनामोड़ शामिल है
सरकारी अस्पताल में 1700 रेमडेसिविर पड़े पड़े अब एक्सपायर होने को है इन्हें वापस भेजने को तैयारी चल रही है सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार पाठक ने राज्य के सर्विलांस अधिकारी को पत्र भेजा है इंजेक्शन का 1700 वापल अधिक है जिस की तिथि समाप्त होने वाली है अब ये सोचने वाली बात यह है कि जब रेमदेसीविर इंजेक्शन के नाम पर लोग आर्थिक को शोषण का शिकार हो रहे हैं तो समय पर यह इंजेक्शन जरूरतमंदों को क्यों नहीं मिला