गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद। टेम्पों टैक्सी व ई रिक्शा चालकों की मनमानी से यात्री खासे परेशान है। यह लोग लॉक डाउन का बहाना करके मनमानी बसूली करने पर आमादा हैं और यदि कोई इनकी मनमानी का विरोध करता है तो यह झगड़ा फसाद करने पर आमादा हो जाते है। इस ओर शायद जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
जब से कोविड-19 का कहर बरपना शुरू हुआ है तब सेे टेम्पों टैक्सी व ई रिक्शा चालकोें की मनमानी शुरू हो गयी है। कोविड-19 के नियमों का पालन करने के नाम पर यह मनमानी बसूली कर रहे हैं लेकिन सवारियां भले ही भूसे की तरह भरते हो लेकिन किराया चाहे जितनी दूर के लिये कोई यात्री बैठे वह दस रुपये से कम नहीं लेेते हैं। जब कि कुछ समय पूर्व फतेहगढ़ कचहरी तिराहा तक के घुमना से दस रुपये लगते थे। डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन उससे कई गुना अधिक इन लोगों ने किरायेे में बढ़ोत्तरी कर दी है। अब यह यात्रियों की जेबों पर डाका सा डाल रहे हैं। लाल दरवाजा से फतेहगढ़़ कहचरी तिराहा तकरीबन साढ़े चार किलोमीटर है। इतनी दूरी के बीस रुपये का किराया लेते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि लाल दरवाजा से आवास तिराहा व मुश्किल एक किलोमीटर दूर होगा उसका किराया दस रुपये प्रति सवारी के हिसाब सेे बसूल किया जाता है। इन चालकों का कहना है कि भले ही कोई दस कदम के लिए क्यों न बैठे दस रुपये से कम का किराया किसी भी कीमत पर नहीं लेंगे। इन्हें किसी मरीज से कोई भी मतलब नहीं है। यह तो खाली अपनी जेब भरने से मतलब रखते हैं किसी भी टेम्पों और टैक्सी में रेट लिस्ट नहीं लगी है जो कि सरासर नियम विरू( है।