अभिमन्यु शुक्ला की रिपोर्ट
औरैया पंचनद क्षेत्र में बाढ़ से हुई खौफनाक तबाही के बाद उफनती नदियों का वेग स्थिर हो जाने से राहत मिली है। लेकिन बाढ़ से बेघर हुए ग्रामीण सहायता शिविरों में रहने को मजबूर हैं l
अजीतमल तहसील के जुहीखा पंचनद क्षेत्र तथा नदिया पार में विभिन्न नदियों ने रौद्र रूप धारण कर जो तबाही मचाई उससे करोडों की फसल बर्बाद हो गई व दर्जन भर गांव के हजारों ग्रामीण बेघर हो गए अथवा अपने प्राण बचाने के लिए अपना गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर सहायता शिविरों में रहने को मजबूर हुए हैं l ग्राम असेवा यमुना नदी के तट पर बसा क्षत्रिय बाहुल्य गांव है इस गांव ने सदियों से प्रतिवर्ष बाढ़ के सैकड़ों थपेड़े सहे हैं लेकिन इस वर्ष की बाढ़ का रौद्र रूप देख ग्रामीणों ने सपरिवार गांव के बाहर आकर शरण ली l ग्राम असेवटा निवासियों के अनुसार लगभग एक दर्जन मकान या पशु बाड़ा यमुना नदी की लहरों में समा गए l इसी प्रकार ग्राम कुंज ,तातार, फरिहा, शिखरना,अस्ता आदि गांव बाढ़ में पूरी तरह से घिर जाने से वहां के वाशिन्दे अपना अपना गांव घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों में पहुंचकर शरणार्थी का जीवन जीने को मजबूर हुए हैं l इस आपदा में असेवा प्रधान नाथूराम व जुहीखा प्रधान ने बाढ़ पीड़ित लोगों को भोजन वितरण किया l