मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई जनपद मे भाजपा सरकार में कानून का डंडा रसूख देखकर चलता है।
आज के प्रकरण से समझा जा सकता है कि हरदोई पुलिस किस कदर राजनीतिक दवाब के चलते फर्जीवाड़े के आरोपी धर्मराज सिंह व इस फर्जीवाड़े से सम्बंधित अन्य लोगो पर मेहरबान है।दरअसल जून 2020 में बक्स खेड़ा की निवासी अंशु सिंह ने बक्स खेड़ा के निवासी धर्मराज सिंह व अन्य लोगो पर आरोप लगाया था कि फर्जी व्यवस्था पत्र के आधार पर उनके पूर्वज भभूति सिंह की लगभग 240 बीघा जमीन अपने व अपने परिवार के नाम करा ली थी जिस सम्बंध में बेनीगंज थाने में जून 366/20 अंतर्गत धारा 420,467,468,469,504,506 धर्मराज सिंह व अन्य लोगो के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन आज एक साल चार महीने व्यतीत हो जाने के बाद भी विवेचना पूरी नही हो सकी है।
आपको बताते चले कि दिनांक 29/09/2021 को पुलिस महानिरीक्षक को शिकायतकर्ता अंशु सिंह ने शिकायत पत्र सौंपा है व आरोप लगाया है कि विवेचक इरशाद त्यागी ने अभियुक्तों से साठगांठ कर फर्जी व्यवस्था पत्र के गवाह लालता व दिलीप का नाम विवेचना में निकाल दिया था जिसकी जानकारी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को दी थी जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने विधिक राय मांगते हुए शिकायत की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी थी जांच के उपरांत शिकायत सही पाई गई तत्पश्चात धर्मराज सिंह के फर्जीवाड़े की विवेचना को हरदोई की क्राइम ब्रांच की शाखा को ट्रांसफर कर दिया गया।शिकायतकर्ता अंशु सिंह ने आरोप लगाया है कि क्राइम ब्रांच में तैनात अखिलेश यादव ने विवेचना के दौरान अभियुक्तों को लाभ पहुचाने के उधेश्य से अपर पुलिस अधीक्षक की जांच आख्या व विधिक राय को गायब कर दिया गया व पुनः विधिक राय मांगी गई है।
आपको बताते चले जून 2020 से अब तक इस विवेचना में कई आईओ बदले गए और अब जो शिकायतकर्ता अंशु सिंह ने जांच आख्या व विधिक राय के गायब होने का जो आरोप पुलिस विभाग हरदोई पर लगाए है व बेहद ही गम्भीर है लगाए गए आरोपो में कितनी सच्चाई है यह एक जांच का विषय है लेकिन जिस प्रकार से विवेचना लंबित है उससे हरदोई पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर लगता है
एक बात समझ से परे है कि जब पूरा फर्जीवाड़ा प्राप्त दस्ताबेजो से शीशे की तरह साफ दिख रहा है तो आखिर आज लगभग डेढ़ साल होने जा रहा है उसके बाबजूद आखिर विवेचना किसके दवाब में अभी तक पूरी नही हो पा रही है शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपो के आधार पर जब धर्मराज सिंह की पत्रावली से अपर पुलिस अधीक्षक की जांच आख्या व विधिक राय जो धर्मराज सिंह के खिलाफ हो गायब हो गई हो तो आखिर धर्मराज सिंह सलाखों के पीछे कैसे पहुचेगा यह सबसे बड़ा सवाल है।