आदित्य प्रताप सिंह राव
बख्शी तालाब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ बख्शी का तालाब में होने वाली रामलीलाओं में सीतापुर रोड स्थित बख़्शी का तालाब की रामलीला का प्रमुख स्थान है। त्रिपुरचंद बख्शी के द्वारा बनवाए गये तालाब(बख्शी का तालाब) के मैदान में होने वाली रामलीला की मिसाल न केवल हिन्दुस्तान में अपितु विदेशों में भी दी जाती है। यहां पर साम्प्रदायिक का शानदार नमूना देखने को मिलता है। बीकेटी की रामलीला की खास बात यह है कि रामलीला मंचन के सभी महत्वपूर्ण किरदार जैसे राम,लक्ष्मण,जानकी के पात्रों की अदायगी मुस्लिम कलाकार ही निभाते है।दशहरा वाले दिन शुरू होने वाली इस रामलीला की तैयारियां भी लगभग अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं।रामलीला में दशरथ नंदन राम की भूमिका सलमान खान, लक्ष्मण अरबाज खान, जनक शेर खान, भरत मो. सुफ़ान, लंकेश पवन गुप्ता,राजा जनक शेरखान,सीता जी सुशील मौर्या, कुम्भकर्ण बिन्द्रा प्रसाद मौर्या निभा रहे हैं। ये कलाकार लम्बे अर्से से रामलीला से जुड़े हुए हैं। हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल बनी मेले की लगभग 49 साल पुरानी यह रामलीला हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। तैयारियों से लेकर मंचन तक की सभी जिम्मेदारी क्षेत्र के हिन्दू व मुस्लिम मिलकर पूरी करते हैं।
बताते चलें कि रामलीला मंचन में समां तब बंधता है जब तुलसीदास त रामायण के संवादों में उर्दू बोलने वाली जुबां की मिठास घुलती है। रामलीला समिति और दशहरा मेले के संयोजक नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह गप्पू ने बताया कि वर्ष 1972 में रुदही ग्राम पंचायत के तत्कालीन ग्राम प्रधान मैकूलाल यादव और डॉ. मुजफ्फर ने इस रामलीला की नींव रखी थी।
फिर इस पंरपरा को बरकरार रखते हुए उनके पुत्र विदेश पाल यादव व मंसूर अहमद ने आगे बढ़ाया।वर्ष 2009 में रामलीला की जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन को मिल गई थी।तब से आज तक नगर पंचायत प्रशासन ही इस बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करता चला आ रहा है।उन्होंने यह भी बताया कि यहां की खासियत शिव बारात है।
जिसमें गाजे-बाजे के साथ ऊंट, हाथी व घोड़े शामिल होते हैं। शुरुआत में मुसलमानों ने शौकिया तौर पर किरदार निभाए, फिर उनका यही शौक बन गया।15 अक्टूबर से बीकेटी के रामलीला मैदान में दशहरा मेले का आयोजन शुरू होने जा रहा है, जिसकी तैयारियों को लेकर नगर पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह की मौजूदगी में रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों द्वारा रामलीला का अभ्यास किया गया।
नगर पंचायत के अध्यक्ष से यह जानकारी मिली की बख्शी का तालाब की रामलीला सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता की सिर्फ मिसाल ही नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता एकता की भी मिसाल है। मेले की तैयारियों में क्षेत्र का संपूर्ण सहयोग मिल रहा है एकता की मिसाल भी कायम है।