उत्तर प्रदेश : परीक्षा के नाम पर जिस तरह से पेपर देने आये अभयर्थियों के साथ तमाशा हुआ और जिस तरह उनके भविष्य को खिलवाड़ बनाया जा रहा है वो वाक़ई निन्दनिये है , प्रशासन के ऊपर उठ रहे सवालों के बाद सजग हुई राज्य सरकार ने सख्ती दिखाई है और अब जब की टीईटी पेपर लीक के बाद जिले में अब तक 18 लोग जेल जा चुके हैं। रविवार को 16 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दो अन्य को लखनऊ एसटीएफ की मदद से सोमवार को धूमनगंज पुलिस ने पकड़ा। पकड़े गए अभ्यर्थी के मोबाइल में भी सॉल्व पेपर मिला है।
इनके पास से पुलिस ने दो मोबाइल, पांच खाली चेक, एक चेकबुक, 20 अंक पत्र, छह प्रमाणपत्र, चार आधार कार्ड, तीन एटीएम कार्ड बरामद किया है। गैंग सरगना समेत दो को पुलिस ने वांछित किया है।
लखनऊ एसटीएफ को सूचना मिली थी कि टीईटी में बिहार के सॉल्वर गैंग धूमनगंज पहुंचे हैं। 28 नवंबर को एसटीएफ को पता चला कि झलवा के सरोज देवी गर्ल्स इंटर कॉलेज में अभ्यर्थी ललित की जगह सॉल्वर परीक्षा देने पहुंचा है। पुलिस ने जौनपुर के ललित यादव और नालंदा बिहार के सॉल्वर रंजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में पता चला कि ललित सलोरी में किराए पर रहकर तैयारी करता था। इस दौरान जौनपुर के सोनू यादव से दोस्ती हुई थी। सोनू ने टीईटी पास कराने के लिए एक लाख में सौदा कराया। 40 हजार रुपये एडवांस दे दिया। रविवार को बिहार का सॉल्वर रंजय परीक्षा देने पहुंचा था। इससे पहले सोनू यादव ने ललित को सॉल्व पेपर व्हाट्सएप पर भेज दिया। लेकिन इसके पहले ही पकड़ लिए गए। एसटीएफ ने सोनू यादव और सर्वजीत को भी आरोपी बनाया है।