मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई जनपद के एसडीएम सदर आईएएस दीक्षा जैन से अभद्रता करने वाले खनन माफिया पिहानी पुलिस के लिए कमाई का जरिया बन गए हैं। चूंकि घटना कारित करने वाले 10 नामजद व 40 अज्ञात लोगों में तत्कालीन एसपी अजय कुमार के निर्देश पर पिहानी पुलिस ने 08 आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसके बाद दर्जनों लोगों को पुलिस ने पकड़ा पर उन्हें थाने से ही छोंड़ दिया गया। यही कारण है कि एक महिला आईएएस के साथ हुई बदसलूकी की घटना में पुलिस ने तत्परता दिखाने के बजाय उसे अपनी कमाई का जरिया बना लिया।
दरअसल विगत 09 दिसंबर की रात थानाक्षेत्र पिहानी में अवैध बालू खनन की सूचना एसडीएम सदर आईएएस दीक्षा जैन को मिली थी, सूचनाकर्ता ने फोन पर पुलिस की मिलीभगत की बात भी कही थी जिस कारण एसडीएम अपनी सरकारी गाड़ी से स्टाफ के साथ मौके पर पहुँची, जहां खनन माफियाओं द्वारा एसडीएम से अभद्रता की गई और उनकी सरकारी गाड़ी की चाभी छीन ली गयी थी। मामले में पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दूसरे दिन 08 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था। तत्कालीन एसपी ने संबंधित हल्का दरोगा व सिपाही को तत्काल सस्पेंड कर इंस्पेक्टर दिलेश कुमार सिंह की भूमिका की जांच के आदेश दिए थे।
घटना के करीब एक माह बीतने को है, पर जांच रिपोर्ट सामने नही आ सकी है। ऐसे के पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर एक आईएएस अधिकारी से जुड़े प्रकरण को भी पुलिस ने किस तरहं अपनी कमाई का जरिया बना लिया। इस संबंध में जब कोतवाली इंस्पेक्टर का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन कॉल रिसीव नही की