लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन की तारीख घोषित करने के साथ ही निर्वाचन आयोग के 15 जनवरी तक पांचों राज्यों में चुनावी रैलियों पर रोक लगाने के बाद भाजपा ने डिजिटल रैलियों की तैयारी कर ली है। कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के तेज प्रसार के कारण निर्वाचन आयोग के चुनावी रैली पर रोक लगाने के कारण सभी दलों को डिजिटल माध्यम से लोगों तक अपनी पहुंच बनानी होगी।
उत्तर प्रदेश चुनाव के विधानसभा चुनाव में डिजिटल प्रचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी की अन्य की तुलना में तैयारी काफी एडवांस है। निर्वाचन आयोग के डिजिटल माध्यम से प्रचार निर्देश के क्रम में भाजपा एक कदम आगे है। भाजपा 15 जनवरी तक अपने क्षेत्रीय मीडिया कार्यालय शुरू कर देगी। इसके बाद निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन जारी होने के बाद सभी जगह वर्चुअल प्रचार प्रारंभ होगा।
उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को डिजिटल रैलियों में अन्य पार्टियों पर बढ़त की उम्मीद है। भाजपा ने करीब 17 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को इस काम में लगा दिया है। इसके साथ ही भाजपा के उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में 70 से अधिक कार्यालय भी डिजिटल रैली को लेकर एक्टिव हो चुके हैं।
निर्वाचन आयोग के कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण 15 जनवरी तक रैलियों, रोड-शो और नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगाने के साथ ही कड़े सुरक्षा के निर्देश जारी किए हैं। अब राजनीतिक दलों को वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार करना होगा।
चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपना प्रचार अभियान प्रारंभ कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कई रैलियों को संबोधित किया। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तथा स्मृति ईरानी के साथ उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान व उप प्रभारी केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा जन विश्वास यात्रा में सहभागिता की। इनके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर जिले में जनसभा की।
भारतीय जनता पार्टी चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद अब प्रचार के दूसरे चरण में वर्चअल रैलियां करेगी। इसमें भी भाजपा को काफी लाभ मिलेगा। प्रचार में भाजपा ने जो काम किया उसमें अन्य दल काफी पीछे रह गए। समाजवादी पार्टी ने भले ही समाजवादी विजय यात्रा निकाली, लेकिन कांग्रेस अपनी प्रतिज्ञा रथ यात्रा को पूरा नहीं कर सकी। बसपा का प्रचार अभियान तो विधिवत शुरू भी नहीं हो सका। जिस रफ्तार से भाजपा ने चुनाव प्रचार किया है, उसके मुकाबले काफी दल काफी पीछे हैं।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच प्रचार का काम सभी दलों के लिए बड़ी चुनौती भले ही है, लेकिन भाजपा अपने मजबूत संगठन के दम पर इसको भी सफल बनाने में लगी है। भाजपा के बड़े नेताओं की वर्चुअल रैली शीघ्र ही प्रारंभ होगी। डिजिटल माध्यम से प्रचार चुनावी अभियानों का आगाज भाजपा जल्द करेगी। इसके लिए भाजपा की विशेष आइटी सेल भी तैयार है। भाजपा के पास डिजिटल प्रचार और वर्चुअल रैलियों को लेकर अन्य दलों से अधिक क्षमता है। भाजपा तो इंटरनेट मीडिया से सभी माध्यम पर सक्रिय है। भाजपा के पास व्हाट्सऐप पर भी एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। भाजपा के पास ब्लाक स्तर पर आईटी सेल है। जिससे लाखों लोग जुड़े हैं। भाजपा के पास जितना बड़ा डिजिटल नेटवर्क है, उतना अन्य किसी दल के पास नहीं है। भारतीय जनता पार्टी को हमेशा से कार्यकर्ताओं के माध्यम से काम करती रही है। बूथ स््तर पर सक्रिय कार्यकर्ता डिजिटल रैली को जन-जन तक पहुंचाने का काम भी करेंगे।