अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
क़मालगंज मंगलवार की सुबह सर्द हवाओं से लोगो को ठिठुरन का अहसास हुआ।बढ़ती सर्दी के बीच जहाँ लोगो ने अब आग जलाने का इंतजाम अपने स्तर पर शुरू कर दिया है वही सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की अलाव जलाने की मांग उठने लगी है मंगलबार सुबह जब लोग अपने घरो से निकले लोगों पर भी उसका असर नजर आया लोग अन्य दिनों की अपेक्षा मंगलबार को देर से घर बाहर निकले।
मंगलवार को सुबह मौसम साफ था, लेकिन ठंड बरकरार थी। दोपहर को कुछ देर के लिए सूर्यदेव निकले, लेकिन अपना तेज नहीं बिखेर पाए। शाम होते ही ठंडी हवाएं चली तो मौसम में गलन बढ़ गई। सर्दी से राहत पाने के लिए लोग अलाव सेकने बैठे। न तो अलाव और न ही सूर्य का तेज गलन भरी सर्दी से राहत दिला सका।
सुबह आसमान पर कोहरा नहीं था, मौसम साफ था। गलन भरी ठंड से लोग परेशान थे। आसमान देखकर लग रहा था कि धूप खिलेगी और ठिठुरन भरी सर्दी से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोपहर के बाद सूर्यदेव निकले, लेकिन अपना तेज नहीं बिखेर सके। सारे दिन बादलों के साथ लुका-छिपी खेलते रहे। शाम चार बजे के बाद मौसम में और अधिक ठंड बढ़ गई। तापमान गिर जाने से ठिठुरन भरी सर्दी से लोग परेशान हो उठे। दोपहर दो बजे के बाद अलावा बंद हुए और चार बजे के बाद फिर जल उठे। अलाव भी ठंड से राहत नहीं दिला पा रहे हैं। बीते पांच दिनों से मौसम का असर बाजारों पर दिखाई दे रहा है। बाजारों में खरीदारों की कमी है। केवल ऊनी वस्त्र विक्रेताओं के यहां खरीदार नजर आते हैं।