अपनी डयूटी को ईमानदारी से निभाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले पुलिसकर्मी गरीब व लाचारों का दुख दर्द भी समझते हैं।ऐसा ही एक मामला मंसूरपुर में उस समय देखने को मिला जब एसएचओ मंसूरपुर सुशील कुमार सैनी का दिल कडाके की ठंड में नंगे पांव ठिठरते हुए घूम रहे एक बेसहारा बच्चे को देखकर पसीज गया।बेसहारा बच्चे को देखकर सुशील कुमार सैनी भावुक हो गए।हुआ यूं कि मंसूरपुर एसएचओ सुशील कुमार सैनी मंगलवार की शाम जब गश्त करते हुए मंसूरपुर में बस अड्डा तिराहे पर पहुंचे तो कडाके की ठंड में उन्होंने एक बालक को नंगे पैर जाते देखा।बालक ठंड में बुरी तरह ठिठुर रहा था।उस बालक को देख एसएचओ ने अपनी गाडी रुकवा ली तथा उसके पास पहुंचकर उससे नाम पता पूछा।पता चला कि बालक बेहद गरीब है।उसकी हालत देखकर सुशील कुमार सैनी की पीडा छलक गई।उन्होंने तत्काल ही बालक के लिए नए जूते,जुराब और गर्म कपडे अपनी जेब से खर्च करके मंगवाए तथा बालक को पहनाए। बीच चौराहे पर एसएचओ सुशील कुमार सैनी की बेसहारा बच्चे के प्रति यह दरियादिली देख लोगों को कहना ही पडा कि पुलिस वाला हो तो ऐसा।