वाराणसी
विधानसभा चुनाव में कैश ट्रांजेक्शन ट्रैक करने के लिए वाराणसी में गठित स्टैटिक सर्विलांस टीम सरकारी लुटेरों के वेश में सामने आई है. इस टीम ने एक पान व्यवसाई के पास मिले साढ़े आठ लाख में से साढ़े चार लाख रुपये हड़प लिए. व्यवसाई से कहा गया कि आयकर में रकम की रसीद दिखाकर वापस ले जाना और रकम को आयकर में जमा ही नहीं किया. मामला सामने आने के बाद टीम में मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त बाल विकास परियोजना अधिकारी व चार पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सीडीपीओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ जंसा थाने में धारा 409 (लोकसेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इस टीम को हटाकर नई स्टैटिक सर्विलांस टीम भी तैनात की गई है.
चेकिंग देख पैदल चलने लगा
भदोही के आनंद नगर, अहमदगंज निवासी कत्था पान व्यवसायी वीर चौरसिया अपने साथी उमेश यादव के संग गत सात फरवरी को बाइक से वाराणसी जा रहे थे. व्यवसायी ने बैग में साढ़े आठ लाख रुपये रखे थे. एसएसटी जंसा के कतवारूपुर गांव के समीप चेङ्क्षकग कर रही थी. चेङ्क्षकग होती देख व्यवसायी बैग लेकर मोटर साइकिल से उतर कर पैदल चलने लगे. एसएसटी ने उनको रोककर जांच की तो बैग से साढ़े आठ लाख रुपये प्राप्त हुए. व्यापारी उसमें से साढ़े चार लाख रुपये के संबंध में कोई स्पष्ट व संतोष जनक जवाब नहीं दे सके. इस पर टीम ने साढ़े चार लाख रुपये आयकर विभाग में जमा कराने के लिए कब्जे में ले लिया. व्यापारी को बताया गया कि आयकर विभाग में उचित जवाब देकर अपने रुपये वापस ले जाना.
नहीं दी कोई रसीद
व्यापारी ने अपने रिश्तेदार कपसेठी के ओदरहा के ग्राम प्रधान वरुण चौरसिया को इस मामले की जानकारी दी. बताया कि कोई रसीद भी नहीं दी गई. थाने या आयकर विभाग से कोई सूचना प्राप्त न होने पर व्यवसायी व उनके रिश्तेदार ने घटना के संबंध में थाना जंसा पर संपर्क किया. चुनाव से जुड़ी स्टैटिक सर्विलांस टीम का मामला होने के कारण थानाध्यक्ष जंसा ने आठ फरवरी की सुबह जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को इसकी जानकारी दी.
एडीएम व एएसपी ने की जांच
मामला संज्ञान में आते ही एडीएम सिटी व एएसपी की संयुक्त जांच टीम गठित की गई. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि एसएसटी द्वारा व्यवसायी से साढ़े चार लाख रुपये कब्जे में लिए गए थे. नियम के अनुसार कार्रवाई करते हुए इस रकम को सीज करते हुए आयकर विभाग में जमा कराया जाना था, लेकिन टीम ने इसे अपने पास रख लिया. इसकी जानकारी अधिकारियों तक को नहीं दी गई. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर यह पाया गया कि एसएसटी का यह कृत्य आपराधिक प्रकृति का है. एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने स्टैटिक टीम में नियुक्त पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने टीम के सदस्यों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति निर्वाचन आयोग को की है.
ये हुए अरेस्ट
सीडीपीओ मुकेश कुमार कुशवाहा, उपनिरीक्षक विद्यार्थी ङ्क्षसह, हेड कांस्टेबल जटा शंकर पांडेय, कांस्टेबल संजय कुमार, कांस्टेबल अमित ङ्क्षसह यादव, वीडियोग्राफर, सौरभ सेठ व ड्राइवर गोरख यादव शामिल हैं. इनमें ड्राइवर व वीडियोग्राफर प्राइवेट हैं. इन्हें छोड़कर सभी को निलंबित किया गया है. इनके अलावा कांस्टेबल उदय प्रताप ङ्क्षसह को भी स्टैटिक टीम का सदस्य होने के कारण निलंबित किया गया है. हालांकि कांस्टेबल उदय प्रताप घटना वाले दिन बिना अनुमति के गैरहाजिर था.
क्या होती है एसएसटी?
विधानसभा चुनाव के लिए गठित की जाने वाली स्टैटिक सर्विलांस टीम में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहते हैं. प्रशासनिक अधिकारी को टीम में मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्त किया जाता है. इस टीम का मुख्य काम अवैधानिक तरीके से होने वाले कैश ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना है. यह टीम सड़क पर आने वाले वाहनों व लोगों पर नजर रखती है. जो कोई भी अपने पास मौजूद धनराशि का हिसाब नहीं दे पाता है तो उसे जब्त कर आगे की कार्रवाई के लिए आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है.