मुज़फ्फरनगर
सरकारी अस्पताल हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र “सीएचसी”में सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत गरीब पीड़ितों को निशुल्क इलाज देने का जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन खतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र “सीएचसी” में पदस्थ कर्मचारी गरीब पीड़ितों से रूपए एठेने का काम कर रहे है!जहां मरीजों का स्वास्थ्य ठीक किया जाता है वहीं ऐसे हालात बन रहे है तो कहां तक गरीब पीडितों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा!सीएचसी खतौली से जुड़ा कई वीडियो वायरल हुआ हैं जिसमे एक आशा के द्वारा 7 हजार रुपये की रिश्वत का खुलासा हुआ है और आशा कह रही हैं कि यह पैसा मेने डॉक्टर को दिया हैं! तथा वही एक युवक के द्वारा भी आरोप लगाया जा रहा है कि उससे भी रिश्वत ली गई हैं! यहा सीएचसी के अंदर रिश्वत के खेल लगातार चल रहा है!बताया जा रहा है सीएचसी में बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा है भर्ती से लेकर आपरेशन तक अवैध वसूली हो रही है यहां तक जांच के नाम पर भी पैसा चल रहा है!आखिर चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों को इस और ध्यान देने की सख्त जरूरत हैं ओर ऐसे डॉक्टर व आशाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में आजानी चाहिए।