शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ– चौथे चरण के मतदान के बाद भाजपा खेमे को राजधानी लखनऊ की सभी सीटों पर चुनाव जीतने की उम्मीद है। वहीं सबका मानना है कि मुकाबला सपा से है। हालांकि वह कुछ सीटों पर कड़े मुकाबले की बात कह रहे हैं। यही नहीं कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी एक या दो सीटें हारने की आशंका भी जता रहे हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं।
बीजेपी के महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा कहते हैं कि पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कार्यकर्ताओं से जो फीडबैक मिला है, उसके अनुसार शहर की सभी सीटें पार्टी जीतेगी। कुछ सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा, लेकिन जीत का भरोसा है। उनका मानना है कि हिंदू ही नहीं मुस्लिम वर्ग का वोट भी भाजपा को मिल रहा है। वहीं जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण लोधी मोहनलालगंज, मलिहाबाद, बीकेटी और शहरी व ग्रामीण की मिलीजुली सरोजनीनगर सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं।उनका तर्क है कि सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। आवास, फ्री बिजली कनेक्शन, रसोई गैस, गुंडई से निजात और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं पर ग्रामीण मतदाताओं ने वोट दिया है। वह कहते हैं कि मोहनलालगंज सीट पर पहली बार पार्टी जीतेगी। हालांकि पार्टी कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र की बीकेटी, मोहनलालगंज व मलिहाबाद सीटों पर सपा से कड़ा मुकाबला होने की बात कह रहे हैं।
यही नहीं शहर में मध्य व पश्चिम सीट फंसने की आशंका भी अंदरखाने कुछ कार्यकर्ता जता रहे हैं। हालांकि सरोजनीनगर के साथ ही उत्तर, कैंट व पूर्व सीट जीतने पर किसी को संशय नहीं। ओवरऑल कहा जा रहा है कि एक, दो सीटें पार्टी के हाथ से फिसल सकती हैं। फिर भी प्रदर्शन बेहतर रहने की सबको उम्मीद है। छह या सात सीटें मिलने की उम्मीद तो सभी को है।
मतदान प्रतिशत में बढोतरी से सपा को उम्मीद
राजनीतिक जानकारों के अनुसार जब भी वोट प्रतिशत बढ़ता है, वह सत्ताधारी पार्टी के लिए खतरे की घंटी होती है। ऐसे में मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी को समाजवादी पार्टी अपने पक्ष में मानकर चल रही है। इसी वजह से सपा राजधानी की नौ में से कम से कम सात सीट पर अपनी जीत तय मान रही है।
पार्टी के जिला कार्यालय पर इसको लेकर बैठक का आयोजन भी किया गया। सपा पदाधिकारियों के अनुसार जनपद की ग्रामीण क्षेत्र वाली चारों सीट इस बार उनके खाते में आनी तय हैं। इसके पीछे वो अपने तर्क भी देते हैं। सपा के जिला महासचिव शब्बीर अहमद के अनुसार मलिहाबाद, बीकेटी, मोहनलालगंज और सरोजनीनगर इलाकों में इस बार परंपरागत सपा मतदाताओं के साथ ही अन्य वर्ग के मतदाताओं का भी साथ मिला है। यही वजह है कि इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ा है। वहीं सपा के अन्य पदाधिकारियों का मानना है कि लखनऊ नगर की पांच में से तीन मध्य, पश्चिम और उत्तर सीट पर उनकी जीत पक्की है। इन सीटों पर जोरदार मतदान हुआ है।
मुस्लिम वोटरों की संख्या भी यहां पर्याप्त है, इसलिए यहां जीत उनके हाथ में है। वहीं लखनऊ कैंट और पूर्व सीट पर वो भाजपा से अपनी सीधी लड़ाई मानकर चल रहे हैं। हालांकि सपा जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत नौ में से नौ सीट पर जीत तय मानने का दावा कर रहे हैं। उनके अनुसार इन सभी सीट के समीकरण उनके पक्ष में हैं।
बसपा का मोहनलालगंज सीट पर जीत का दावा
सपा के बड़े पदाधिकारियों ने कहा है कि उनके प्रत्याशियों ने सभी सीटों पर भाजपा व सपा को टक्कर दी है। पदाधिकारियों का दावा है कि मोहनलालगंज सीट पर उनका प्रत्याशी जीत का परचम लहराएगा। वहीं कार्यकर्ताओं के अनुसार सरोजनीनगर, लखनऊ उत्तर, बीकेटी, मध्य, मलिहाबाद सीट में प्रत्याशी भले जीत न सकें, मगर वोट बहुत अच्छा पाए हैं। इन सभी सीट पर क्रमश: जलीस खान, सरवर मलिक, सलाउद्दीन सिद्दीकी, आशीष, जगदीश रावत बहुत अच्छा चुनाव लड़े और जनता का समर्थन पाए। इससे सपा प्रत्याशियों को नुकसान हुआ है।
आप के प्रत्याशी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे
आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों, प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं के अनुसार जिले में आप के प्रत्याशियों की तरफ जनता का रुझान बढ़ता जा रहा है। इस बार चुनाव में हर वर्ग के लोगों ने आप के प्रत्याशियों को न केवल पसंद किया, बल्कि जमकर वोट भी किया है। कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों का कहना है कि जनता के रुझान का ही परिणाम है कि इस बार वे भाजपा प्रत्याशियों के प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों में से एक हो गए हैं।
भाजपा के प्रत्याशी जहां हारेंगे, वहां पर प्रमुख कारण आप पार्टी के प्रत्याशियों को मजबूती से चुनाव लड़ना और जनता के बीच में पैठ बनाना होगा। उनका कहना है कि जिस तरह से हमारे प्रत्याशियों ने जनता के मुद्दों व उनकी समस्याओं को उठाकर उनका निराकरण करने की गारंटी देने की बात कही, उससे जनता का भरोसा बढ़ गया है। इस बार हम हर सीट पर भाजपा को सीधे टक्कर दे रहे हैं।
कांग्रेस ने माना पार्टी में कुछ तो जान आई है
मतदान के बाद अब जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों के लिए जो कयास लगाए जा रहे हैं, उसमें कांग्रेस किसी सीट पर दूसरे नंबर की दौड़ में नहीं दिख रही है। पार्टी के ही छोटे से लेकर बड़े नेता और कार्यकर्ता दबी जुबान में यह मानते हैं कि सड़क पर संघर्ष करने के बाद पार्टी में कुछ जान तो आई और वोट भी बढ़ा है, मगर पार्टी अभी दूसरे नंबर की रेस में भी नहीं आ सकी है। इसके लिए वे पार्टी द्वारा प्रत्याशियों के चयन में हुई गड़बड़ी को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। पार्टी के एक पुराने नेता का कहना है कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र कायस्थ बहुल माना जाता है। इसके चलते ही पार्टी के शहर अध्यक्ष उत्तरी अजय श्रीवास्तव अज्जू कई साल से वहां पर काम कर रहे थे। उनको पूरी उम्मीद थी कि उनको वहीं से टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।