हापुड़
हमारे देश में आज भी माता-पिता की सेवा करने वाले पुत्र के रूप में श्रवण कुमार को आदर्श माना जाता है। ऐसा ही जनपद बुलन्दशहर निवासी एक आधुनिक श्रवण कुमार अपनी बुजुर्ग माता और दिव्यांग भाई की इच्छा की पूर्ति के लिए उन्हें कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा करा रहा है। उसकी माता और भाई ने तीर्थयात्रा करने की इच्छा जताई थी। बुलंदशहर से हरिद्वार अपने बुजुर्गों को कांवड़ में बैठाकर ले जाते समय जब वे शुक्रवार को जनपद हापुड़ से गुजरे तो लोगों ने उनका जोर-शोर से स्वागत किया। जनपद बुलंदशहर के गांव शेरपुर निवासी विजय की माता जग्गो देवी काफी बुजुर्ग हैं। उसका बड़ा भाई हरेंद्र दिव्यांग है। उसकी माता और भाई ने तीर्थयात्रा करने की इच्छा जताई। उनकी इच्छा की पूर्ति करने के लिए विजय ने उन्हें कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा कराने का निर्णय लिया।
विजय गुर्जर ने बताया कि उनका सपना अपने भाई और माता को हरिद्वार की यात्रा कराने का था, कुछ दिन पूर्व उसने अपने दोस्त प्रवीण शर्मा से अपनी माता और भाई की इच्छा पूरी करने के लिए अपने मित्र प्रवीण से मदद मांगी तो उसने तत्काल स्वीकृति दे दी। इसके बाद दोनों मित्रों ने अपनी माता और बड़े भाई को कांवड़ में बैठाकर हरिद्वार की यात्रा शुरू दी। उन्हें मदद करने के लिए उनकी भाभी फिरेवती भी पदयात्रा में शामिल हो गईं। आधुनिक श्रवण कुमार ने बताया कि प्रवीण शर्मा उसका सच्चा मित्र है। उसकी मदद के कारण ही वह अपनी माता और बड़े भाई की इच्छा की पूर्ति के लिए कांवड़ यात्रा शुरू कर सका है। विजय और प्रवीण कांवड़ लेकर जब शुक्रवार को हापुड़ क्षेत्र से गुजरे तो उनकी मातृभक्ति को देखकर लोगों ने उनका जोर-शोर से स्वागत किया। नगर में चारों ओर उनकी चर्चा है। सभी लोग विजय की मातृभक्ति और उसके मित्र प्रवीण शर्मा की मित्रता की प्रशंसा कर रहे हैं।