वैसे तो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक हर रोज एक मेला लगता है जिसमें दिल्ली का दिल बसता है लेकिन मंगलवार को तस्वीर कुछ और ही रही। दिल्ली का दिल छावनी में तब्दील हो गया और इंडिया गेट के दोनों ओर पुलिस वाले रस्सी पकड़े खड़े थे। सुनसान इंडिया गेट पर जिस तरफ नजर जा रही थी वहां केवल बैरिकेड्स और पुलिस वाले ही दिखाई दे रहे थे।
छावनी में बदला दिल्ली का दिल
बीते एक महीने से धरने पर बैठे हुए पहलवानों ने इंडिया गेट जाने का फैसला ले लिया था। दिल्ली पुलिस को अंदाजा था कि समर्थकों की भीड़ उमड़ेगी इसलिए खाकी वर्दी वालों के साथ रैपिड एक्शन फोर्स को भी इंडिया गेट पर तैनात किया जा चुका है। कुछ देर बाद इंकलाब जिंदाबाद के नारे सुनाई देने लगे हैं। हाथों में तिरंगे लिए लोगों की भीड़ आंध्रा भवन से धूल भरी आंधी और गर्मी का सामना करते हुए इंडिया गेट पर पहुंची।
इसका नेतृत्व कर रहे थे विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया। किसान दल, स्टूडेंट यूनियन, महिला मोर्चा, भीम आर्मी के अलावा भी हजारों की संख्या में लोग बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने को समर्थन देने लिए पहुंचे थे।
कैंडल पकड़कर पहलवानों ने दोहराई अपनी मांगे
और बजरंग ने बैरिकेड्स पर खड़े होकर सभी आने वालों को शुक्रिया अदा भी किया है। अपनी मांगे रखी और आजादी के नारे भी लगाए हैं। विनेश ने इस दौरान कहा कि, ‘‘पिछले एक महीने से हम विरोध (सरकार द्वारा बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए) कर रहे हैं लेकिन यह शर्म की बात है कि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। साथ ही आज, हमने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला और हमें पता चला है कि देश के कई हिस्सों में ऐसी मार्च निकाले जाते रहे हैं।’’