जिला उपभोक्ता आयोग ने यह कहा है कि कैरी बैग देने के लिए स्टोर संचालक जबरन कीमत नहीं वसूल सकते हैं।
स्टोर संचालक जब भी अपना समान बेचेगा, तो उसे ऐसी स्थिति में बेचेगा, जिससे ग्राहक उसे आसानी से ले जा सकें और ग्राहकों को कैरी बैग देने के चक्कर में वसूली करने वाले मेगा मार्ट पर उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं 11 हजार रुपए वार्ड खर्च देने के आदेश जारी किए हैं। मिली जानकारी के अनुसार शक्ति नगर निवासी पवन कुमार ने ब्रास मार्केट स्थित विशाल मेगा मार्ट से 14 मई 2019 को 812 रुपए का सामान खरीदा था। और सामान ले जाने के लिए जब पवन कुमार ने स्टोर के कर्मचारियों से थैला देने के लिए कहा, तो उन्होंने थैला खरीदने पर दबाव बनाते हुए थैले की कीमत 14 रुपए वसूल की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जबरदस्ती बिल में थैले की कीमत जोड़ने को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में 30 मई 2019 को शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार खंडूजा एवं सदस्य डाॅ. ऋषि दत कौशिक ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि कोई भी स्टोर संचालक कैरी बैग के लिए जबरन वसूली नहीं कर सकते हैं। वहीं उन्होंने स्टोर संचालक की ओर से दिए गए तर्क को बेमानी भी करार दिया।
जिला उपभोक्ता आयोग ने आगे कहा कि कोई ग्राहक यदि थैला अपने साथ नहीं ले जा पाए, तो भी स्टोर संचालक या विक्रेता को यह सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जानी चाहिए साथ ही उन्होंने मेगा मार्ट पर 20 हजार रुपये का जुर्माना और 11 हजार रुपए वार्ड खर्च देने के आदेश भी जारी किए हैं।