ब्यूरो रिपोर्ट
चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासत काफी गर्म हो गई है। महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक और नेताओं के साथ बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहा है कि मेरा सब कुछ छिन गया है। वहीं हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी छिन गया है, लेकिन ठाकरे नाम नहीं छीन सकते साथ ही चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, और कल से इसकी सुनवाई भी शुरू होगी। सोमवार को उद्धव ठाकरे के गुट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह धनुष और बाण आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। साथ ही चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे गुट ने कहा है कि चुनाव आयोग ने हमारे तर्कों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग भी की गई है। इस याचिका में यह भी कहा गया है। वहीं इस मुद्दे को तय करने के लिए ईसीआई द्वारा गलत मानदंड भी अपनाया गया है। और इस मामले की सुनवाई कब होगी, इस पर फिलहाल कोई स्पष्टता भी नहीं है।
इसी के साथ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका में यह कहा गया है कि चुनाव आयोग ने 1999 के संविधान पर विचार भी किया है जबकि 2018 का संशोधित संविधान लागू भी किया गया था। साथ ही उन्हें 2018 के संविधान को रिकॉर्ड पर रखने के लिए अधिक समय भी नहीं दिया गया था।