ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के कथित प्रयासों के लिए पादरियों सहित लगभग 100 लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। वहीं राज्य में ईसाई समुदाय के नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पादरियों के खिलाफ की जा रही इस कार्रवाई को रद्द करने के लिए अर्जी भी लगाई है। साथ ही उत्तर प्रदेश के पादरी संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा है कि ईसाइयों को धर्मांतरण के झूठे मामलों में धमकाया भी जा रहा है। इसी कड़ी में जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बीते छह महीनों में कई पादरियों पर धर्म बदलवाने का मामला दर्ज किया गया है और कानपुर, फतेहपुर, बरेली और अन्य जिलों में दस चर्चों पर मुकदमे के कारण ताला भी लगा दिया गया है। इससे सामूहिक प्रार्थना सहित चर्च की अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
पिछले छह महीने में हुई हैं कई गिरफ्तारियां
जितेंद्र सिंह 12 फरवरी की एक घटना की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि मुरादपुर कोटिला गांव में 16 लोगों को कथित तौर पर दूसरों को ईसाई धर्म अपनाने का लालच देने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं एफआईआर धारा 3 के तहत दर्ज की गई थी जिसमें धर्मांतरण या धर्मांतरण का प्रयास का मामला भी आता है।
वहीं इसके अलावा धारा 5 (1) (धारा 3 के प्रावधानों का उल्लंघन) उत्तर प्रदेश धर्म के अवैध धर्मांतरण निषेध अधिनियम की धारा में भी नौ लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें जिले के एक प्रमुख मिशनरी स्कूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और एक पुजारी का नाम भी शामिल हैं।
हिन्दू संगठन ने किया यह दावा
हिंदू गौरव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले प्रमोद शर्मा ने 12 फरवरी को मुरादपुर कोटिला गांव में फादर दिनेश कुमार मौर्य के घर पर भारी भीड़ भी जमा होने की शिकायत पुलिस से की थी। वही पुलिस जब गांव पहुंची तो फादर के घर पर जमा लोगों ने भागने का प्रयास भी किया। साथ ही कुछ को थाने भी ले जाया गया था।