18 फरवरी (शनिवार) को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा और महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विधान भी है। महाशिवरात्रि पर भक्त भगवान शिव की पूजा के साथ व्रत भी रखते हैं और महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। साथ ही हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व भी है।
कैसे करें व्रत
महाशिवरात्रि का व्रत रखने के लिए एक दिन पूर्व व्रत की तैयारियां शुरू कर दें और व्रत से एक दिन पूर्व तामसिक भोजन, शराब , धूम्रपान आदि का त्याग कर केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए। वहीं साथ ही हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उसे प्रेम से व्यवहार करना भी सिखाता है। वहीं विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग भी ना करें और ना ही किसी पर गुस्सा हो। वहीं इसके अलावा व्रत करने वाले झूठ और अभिमान का पूर्णयता त्याग भी करें। और महाशिवरात्रि के व्रत के दिन अन्न का सेवन भी नहीं करना चाहिए। और अन्न ग्रहण करने से व्रत पूर्ण नहीं होता है और दोष भी लगता है।
रात्रि में करना चाहिए जागरण
भगवान शिव की आराधना और भजन कीर्तन करते हुए भक्तों को रात्रिजागरण भी करना चाहिए साथ ही कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। और शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करने की मनाही भी बताई गई है। वहीं शिवलिंग की जलहरी उत्तर दिशा में होती है और इसके अलावा शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल का पानी उत्तर दिशा में ही बहता है. यदि शिवलिंग की पूरी प्रक्रिया की जाती है तो पानी को लांघना पड़ेगा और ऐसे में शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करना वर्जित होता है।
आपस में प्रेम और सद्भाव से रहना चहिए
महाशिवरात्रि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन भी करें और घर में आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ रहना भी चाहिए। वहीं शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर अर्पित किए जाने वाले फूलों और पत्तों को पूजा के बाद नदी या तालाब में प्रवाहित भी न करें। और गलती से भी पूजा में प्रयोग हुए इन फूलों और पत्तों को अपमानित भी ना करें।