एक ऐसा मंदिर है जहां होती है कुतिया महारानी की पूजा अर्चना

भारत देश अपनी विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत के लिए देश विदेश में जाना जाता है। वहीं यह आस्था का देश है, जहां लाखों की संख्या में मंदिर भी हैं।
वहीं कोई पेड़-पौधों की पूजा करता है तो किसी की आस्था पशुओं में भी होती है। यूपी के झांसी में तो एक मंदिर कुतिया महारानी का भी बना है। कुतिया महारानी के मंदिर के बारे में जानकर आपको हैरानी भी जरूर होगी।
काले रंग की कुतिया की स्थापित है मूर्ति
यह मंदिर झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील में बना है। मऊरानीपुर के गांव रेवन और ककवारा की सीमा पर कुतिया महारानी का ये मंदिर बना हुआ है। ये एक छोटा-सा मंदिर है, जो सड़क किनारे पर बना है। वहीं सड़क किनारे एक सफेद चबूतरे पर काले रंग की कुतिया की मूर्ति भी स्थापित की गई है। वहीं लोग इस मंदिर में आते हैं, पूजा करते हैं और मत्था भी टेकते हैं।
लोगों का यह विश्वास है कि इस मंदिर पर पूजा करने से कुतिया महारानी मां उनकी मनोकामना को पूरा भी करती है। वहीं उनके संकट को दूर भी कर देती है। साथ ही दीपावली के दिन इस मंदिर में एक खास पूजा भी होती है। और लोग भयंकर सूखे से बचने के लिए इस मंदिर में प्रार्थना भी करते हैं। यहां पर पूजा भी होती है साथ ही भजन भी गाए जाते हैं।
सालों साल से चल रही है दोनों गांवों की ये परंपरा
Worship is done in ‘Kutiya Maharani’ temple of Jhansi: इलाके के ही रहने वाले इतिहास के जानकार हरगोविंद कुशवाहा का यह कहना है कि कुतिया की मौत से दोनों गांव के लोगों को बहुत दुख भी हुआ था वहीं जिसके बाद उन्होंने कुतिया को दोनों गांव की सीमा पर गाड़ दिया गया था और कुछ वक्त बाद वहां एक मंदिर भी बना दिया गया था। और अब परंपरा ये है कि अगर आसपास के गांव में कोई आयोजन होता है तो लोग इस मंदिर पर जाकर भोजन भी चढ़ाते हैं।