Uttarpradesh

दलित किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन तो दूसरे दुष्कर्मी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

ब्यूरो रिपोर्ट

अयोध्या -जिले में दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने एक को आजीवन तो दूसरे को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। नगर कोतवाली क्षेत्र के दलित किशोरी से दुष्कर्म मामले के विचारण में विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट की अदालत ने जहां आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास और 51 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है वहीं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है साथ ही 2000 का जुर्माना भी लगाया है। दोनों आरोपियों को कारागार रवाना किया गया है।
     बता दें कि नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी दलित किशोरी 6 नवंबर 2019 की शाम 5:00 बजे कूड़ा फेंकने गई थी, घर के बगल ही किराए पर रहने वाला राजा अग्रवाल उसको घसीट कर अपने कमरे में ले गया और किशोरी से दुष्कर्म किया। पीड़िता के चीखने-चिल्लाने की आवाज के बाद एकत्र मोहल्ले वालों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, तो मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ आरोपी को गिरफ्तार कर किशोरी को मुक्त कराया था। प्रकरण में दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कराया गया था। मामले का विचारण विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट राधेश्याम यादव की अदालत में हो रहा था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रोहित पांडे, विशेष लोक अभियोजक नरसिंह नारायण उपाध्याय व लालमणि तिवारी ने बताया कि अदालत ने दोष सिद्ध होने पर दुष्कर्म में आजीवन कारावास और एससी-एसटी एक्ट में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 51000 रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। वहीं दूसरा मामला महराजगंज थाना क्षेत्र का है जहाँ 7 जुलाई 2020 को नित्य क्रिया के लिए गई किशोरी के साथ गांव के ही अनिल कुमार विश्वकर्मा ने झाड़ी में ले जाकर  दुष्कर्म किया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कालिका प्रसाद सिंह ने बताया कि पीड़िता के पिता ने नामजद अभियोग दर्ज कराया था। मामले का विचारण करते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट नूरी अनुसार की अदालत ने दोष सिद्ध होने पर अनिल कुमार को 10 साल के कठोर कारावास और 2000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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