Uttarpradesh

डाक विभाग ने निकाली 100 पदों के लिए भर्ती, 95 फीसदी आवेदकों की डिग्री निकली फर्जी

केस 1
सिवान के अभिषेक सिंह ने डाक विभाग में नौकरी के लिए आवेदन किया था। उसने झारखंड बोर्ड से इंटर में 98.08 प्रतिशत अंक हासिल करने की मार्कशीट लगाई थी। जांच में प्रमाणपत्र फर्जी मिला…

केस 2
देवरिया के रसूल मियां ने झारखंड बोर्ड से 98.06 प्रतिशत अंक हासिल करने के प्रमाणपत्र के साथ डाक विभाग में नौकरी के लिए आवेदन किया था। जांच की गई तो उनका प्रमाणपत्र फर्जी निकला…
शिक्षा विभाग में डिग्रियों को फर्जीवाड़ा जारी है। अब डाक विभाग की ओर से जिले में ब्रांच पोस्ट मास्टर के 100 पदों के लिए निकाले गए आवेदन में शार्ट लिस्ट किए गए करीब 95 फीसदी आवेदकों की डिग्री फर्जी मिली है। दस्तावेजों के सत्यापन में यह खुलासा हुआ है। अब जांच कर इन ‘मुन्ना भाइयों’ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। 

डाक विभाग की ओर से मई-जून माह में जिले में 100 पदों पर बीपीएम ( ब्रांच पोस्ट मास्टर) पदों के लिए आवेदन निकाला गया था। चयन में इंटरमीडिएट में बेहतर अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जानी थी। आवेदकों को प्रमाणपत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन करना था। नौकरी के लिए करीब 500 आवेदन आए। इसमें आसपास के जिलों के अलावा बिहार के भी अभ्यर्थी शामिल थे।

आवेदकों में कई की मार्कशीट झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार के अलावा अन्य प्रदेशों से जारी की गई थी। इनके अंक भी 98 फीसदी से ज्यादा थे। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान विभाग को पता चला की ज्यादा अंक हासिल करने के आधार पर शार्ट लिस्ट किए गए 95 फीसदी से अधिक आवेदकों के अंकपत्र फर्जी हैं। 

दरअसल, ऑनलाइन आवेदनों में से शार्ट लिस्ट किए गए अभ्यर्थियों को प्रवर डाक अधीक्षक ने मूल प्रमाणपत्र के साथ दफ्तर बुलाया। इसके बाद मामला खुला। संबंधित बोर्ड से डाक विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार आवेदकों का दाखिला उन बोर्ड की ओर से संचालित पाठ्यक्रम में था ही नहीं, जिसका उन्होंने जिक्र किया था। ऐसे मामले 95 फीसदी से ज्यादा थे। 
एसएसपी ने भेजा प्रार्थनापत्र
प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की मार्कशीट फर्जी मिली है, उन जिलों के जिम्मेदारों को पत्र लिखा गया है। संबंधित एसपी, थाने के जिम्मेदारों से इन ‘मुन्ना भाइयों’ की पड़ताल करने और मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा गया है।

गंभीर धाराओं में दर्ज होगा मुकदमा
वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णा नंद त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे दावेदारी करने और पकड़े जाने पर आईपीसी 419, 420, 467, 468, 471 धारा में अभियोग पंजीकृत किया जाता है। ये गंभीर अपराध होता है। 

ब्रांच पोस्ट मास्टर के 100 पदों के लिए निकाले गए आवेदन में शार्ट लिस्ट करीब 95 फीसदी आवेदकों की डिग्री फर्जी मिली है। सभी पर कार्रवाई के लिए संबंधित जिम्मेदारों को पत्र लिखा गया है।

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