रेसलर विनेश फोगाट ने नॉर्डिक सिस्टम से हासिल की जीत, समझें इस नियम का पूरा गुणा-भाग

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय पहलवानों ने छह गोल्ड समेत 12 मेडल हासिल किए. इस दौरान विनेश फोगाट ने भी 53 किलो भारवर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया. विनेश का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक है. इससे पहले उन्होंने ग्लासगो (2014) और गोल्डकोस्ट (2108) गेम्स में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था.
खास बात यह है कि विनेश फोगाट ने नॉर्डिक सिस्टम के आधार पर जीत हासिल की. विनेश ने पहले मैच में विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता कनाडाई रेसलर सामंथा ली स्टीवर्ट के खिलाफ महज 36 सेकंड में बाय फॉल 2-0 से जीत दर्ज की. इसके बाद विनेश ने अपने दूसरे मैच में नाइजीरिया की मर्सी बोलाफुनोलुवा अडेकुओरोए को 6-0 से हराया. अपने तीसरे मैच में विनेश ने श्रीलंका की केशनी मदुरवलगे को बाय फॉल के जरिए 5-0 से मात दी.
क्या होता है नॉर्डिक सिस्टम?
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अनुसार नॉर्डिक सिस्टम का प्रयोग कुश्ती में तब किया जाता है, जब किसी भारवर्ग में 6 से कम पहलवान हों. ऐसे में हर पहलवान का आपस में मुकाबला होता है. इसमें सबसे ज्यादा जीत हासिल करने वाले पहलवानों को उस आधार पर रैंकिंग दी जाती है. इस सिस्टम में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक दिया जाता है।
खास बात यह है कि इसमें रेपचेज राउंड का कोई प्रावधान नहीं रहता है. नॉर्डिक सिस्टम में सबसे अधिक जीत हासिल करने वाले पहलवान को पहला स्थान हासिल होता है. अगर सभी मैच के बाद दो खिलाड़ी समान अंक पर होते हैं चाहे उनके क्लासिफिकेशन प्वाइंट्स कुछ भी हों, तो उनके बीच मैच कराकर विजेता घोषित किया जाता है।
कनाडा की रेसलर को मिला सिल्वर
विनेश फोगाट के 53 किलो भारवर्ग में चार पहलवान थे जिसमें विनेश ने तीनों मैच जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया. सामंथा ली स्टीवर्ट दो जीत के साथ सिल्वर और अडेकुओरोए ने एक जीत की बदौलत ब्रॉन्ज हासिल किया. श्रीलंका की केशनी मदुरवलगे को तीनों मैचों में हार मिली और वह चौथे नंबर पर रही।