Uttarpradesh

अहिमाल गरे तिरशूल करे शुचि अंग भभूत दिगम्बर हौ

शिवायन
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जय भोलेनाथ

अहिमाल गरे तिरशूल करे शुचि अंग भभूत दिगम्बर हौ।
मस्तक चंदा सिर गंगा जू औढरदानी प्रलंकर हौ ।।शैलजा बाम बृषवाही शिवम् कैलाशपते नटराजन प्रभु, 
मदार धतूरा विल्व रुचै प्रभु नीलकंठ विश्वंभर हौ।।

भव बंध कठिन पग-पग बाधा अघ ताप अनत विपदा हरिए।
मतिमंद अज़ान न विधि जानौ हिय त्रस्त जू आन कृपा करिए।।
आलोक करौ सतपंथ गहें गुणगान करौं अठयाम प्रभो,
गिरिजेश महेश जहै विनती उर भक्ति को भाव सदा  भरिए।।

*डॉ प्रखर दीक्षित*
*फर्रूखाबाद*

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