Uttarpradesh

CM योगी-रामगोपाल मुलाकात पर सियासी बवंडर, शिवपाल-ओमप्रकाश राजभर के तंज के बाद डिप्‍टी CM ब्रजेश पाठक ने भी सपा को घेरा

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का सोमवार शाम मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात करना यूपी में नए सियासी बवंडर की वजह बन गया है। अखिलेश यादव से सियासी नाता टूटने के बाद से और अक्रामक हुए उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर के तंज के बाद डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इसे लेकर सपा की घेराबंदी की है।

उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि सपा हमेशा से ही अपराधियों की पैरवी करती रही है। समाजवादी पार्टी ने अपराधियों का समर्थन किया है और सरकार किसी भी अपराधी, बदमाश के खिलाफ नरमी नहीं बरतने वाली है। सोमवार शाम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस दौरान रामगोपाल यादव भू-माफिया रामेश्वर यादव और जोगेंद्र यादव की पैरवी करने पहुंचे थे। जिसके बाद रामगोपाल यादव का एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
उस पत्र में रामगोपाल यादव ने एटा से सपा के पूर्व विधायक रामेश्वर यादव और उनके भाई पर लगे मुकदमों को फर्जी बताते हुए उनकी पैरवी की थी। रामेश्वर सिंह यादव के खिलाफ एटा में ही विभिन्न थानों में अब तक कुल 86 अभियोग विभिन्न धाराओं में पंजीकृत हैं। यही नहीं रामेश्वर सिंह यादव ने सरकारी और गैर सरकारी भूमि पर डरा धमकाकर अवैध कब्जे किए थे।

शिवपाल यादव का रामगोपाल पर तंज

शिवपाल यादव ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर तंज कसते हुए कहा न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों है? शिवपाल यादव ने इस मुलाकात में रामगोपाल यादव द्वारा सपा के कई अन्य नेताओं के उत्पीड़न का मुद्दा न उठाए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं?आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम…..और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं? असल में शिवपाल का कहने का मतलब है कि रामगोपाल ने मुख्यमंत्री से अपने करीबियों के उत्पीड़न का मामला ही उठाया।
अखिलेश कराएं झाड़-फूंक: राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा नेता रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री से मुलाकात पर तंज कसा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उन्होंने पूछा है कि भाजपा की आत्मा ओमप्रकाश राजभर से निकल कर रामगोपाल यादव में घुस गयी है क्या? अखिलेश यादव किस तांत्रिक से अब प्रोफेसर साहब का झाड़फूंक कराएंगे। राजभर ने कहा कि सीएम से यह शिष्टाचार मुलाकात नहीं बल्कि प्राण बचाओ मुलाकात है। राजभर ने कहा है कि अखिलेश कोई भी चुनाव गंभीरता से नहीं लेते। उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज होने के प्रकरण से फिर सामने आ गई है।

क्या है पूरा मामला
-रामेश्वर यादव और जोगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के आरोप
-पूर्व विधायक रामेश्वर यादव के खिलाफ 86 केस दर्ज हैं
-रामेश्वर को पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में आगरा से गिरफ्तार किया

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