लोकसभा में चर्चा के बाद आज महंगाई पर चर्चा हुई। चर्चा में जहां विपक्ष ने रोजमर्रा के जरूरी सामान की बढ़ती कीमतों, पेट्रोल-डीजल के साथ ही खुदरा महंगाई दर को लेकर सरकार को घेरा। विपक्ष की तरफ से शक्ति सिंह गोहिल, ई करीम और डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर निशाना साधा। महंगाई की जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद गोहिल ने रावण और कंस के साथ ही अंग्रेजों का भी जिक्र किया। वहीं सरकार की तरफ से प्रकाश जावड़ेकर महंगाई का बचाव किया। जावड़ेकर ने महंगाई को बढ़ती आय के समानुपात में देखने की बात कही। इसके साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र कर बढ़ती कीमतों का बचाव किया।
इतनी खनिज संपदा के बाद भी राज्य में गरीबी क्यों- सांसद महुआ माजी
झारखंड की सासंद महुआ माजी ने कहा कि जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा खनिज संपदा है वहां पर बहुत गरीबी है। यहां पर लड़कियां बाहर जाती हैं कमाने खाने। अन्य राज्यों में जाकर उनका शारीरिक, आर्थिक और मानसिक शोषण किया जाता है। ये सब महंगाई के कारण होता है। महंगाई पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां पर डायन प्रथा बहुत हावी है। यहां पर किसी भी महिला को डायन करार दिया जाता है। इसमें महिला के नाखून काट दिया जाता है। बालों को काट दिया जाता है। महिला को नग्न करके घुमाया जाता है। जिस प्रदेश में इतनी समस्याएं हों वहां पर एक और महंगाई की मार।
वायको की नायडू ने की तारीफ
राज्यसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने तमिलनाडु के एक नेता से सीख लेने की नसीहत दी। यह नेता कोई और नहीं बल्कि मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) से राज्यसभा सांसद हैं और काफी वरिष्ठ नेता वायको हैं। दरअसल वह संसद के उच्च सदन में जरूरी वस्तुओं का दाम बढ़ाने के मुद्दे पर अपना पक्ष रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्पीकर के टोकते ही अपना भाषण खत्म कर दिया। वायको की इस बात पर नायडू ने उनकी प्रशंसा की।
मैं दुख के साथ ये गहना पहन रही हूं..
कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रजनी अशोकराव पाटील ने महंगाई पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि वो ये गहना बहुत दुख के साथ पहन रही हैं। मेरा ये स्वभाव नहीं है कि ये मैं पहनूं। लेकिन जिन मध्यमवर्गीय परिवार की महिलाओं को मैं रिप्रेजेंट करती हूं। इस वक्त कैमरा उनकी ओर नहीं था। क्योंकि शायद उन्होंने कुछ ऐसा पहन रखा जिसको संसदीय कार्यवाही में नहीं जोड़ा जा सकता था। जिसके बाद पीठासीन अधिकारी वैंकेया नायडू ने उनको कहा कि आप इसे उतारिए। इसके बाद सांसद बोलती हैं कि ये मेरा अधिकार है तो राज्यसभा अध्यक्ष ने कहा कि ये आपका अधिकार नहीं है। सांसद को कैमरे पर नहीं दिखाया गया। लोग कयास लगा रहे हैं कि शायद महंगाई पर सब्जी या फलों का कोई माला होगा जिसको पहनकर ये सांसद अपना विरोध दर्ज करा रही हैं। मगर सभापति ने इसका आदेश नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने जब वो हार उतार दिया उसके बाद ही कैमरे को दिखाया गया।
संजय सिंह : सिलेंडर से लेकर बच्चों का दूध महंगा क्यों कर दिया
संजय सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं, आबाद उन्हीं के दम पर महलवाले रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये देश जिनके हाथ में छाले हैं, ये सरकार उन्हीं के दम पर हैं। संजय सिंह ने सवाल उठाया कि ये सरकार किसके दम पर काम कर रही है। संजय सिंह ने कहा कि नौजवान कह रहा है कि नौकरी दे दे तो ये सरकार कहती है पैसा नहीं है अग्निवीर लेकर चार साल की नौकरी करो। भारत की सेना कहती है पैसा दे दो, सरकार कहती है तुम्हारे बजट का 63 हजार करोड़ रुपये कम करेंगे। संजय सिंह ने गैस का सिलेंडर, बच्चे के लिए महंगे दूध का जिक्र किया। आटा-दाल चावल के दाम बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार हमेशा पैसे की कमी की बात कहती है। संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी की वजह है कि नरेंद्र मोदी के मित्रों को पैसा दे दिया गया। संजय सिंह ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से 20 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने की बात कही। विजय माल्या के 10 हजार करोड़, 3 हजार करोड़ रुपये ललित मोदी के लेकर भागने की बात कही। संजय सिंह ने पूंजीपतियों का 11 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ करने की बात भी कही। संजय सिंह ने कहा कि एक आदमी को 2.5 लाख करोड़ रुपये देते हुए बच्चों के दूध पर टैक्स लगाते हो। आटा चावल पर टैक्स लगाते हो। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के गरीबों का खून चूसने का काम करते हो। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये सरकार किसके लिए चल रही है।