महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद पहली बार सांसद डॉक्टर श्रीकांत शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर कहा है कि अगर सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं की बात सुनी होती, तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। श्रीकांत शिवसेना में बगावत करने वाले राज्य के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे हैं और कल्याण से लोकसभा सांसद हैं।
श्रीकांत ने कहा कि अगर आपने कार्यकर्ताओं, विधायकों और सांसदों की आवाज को सुना होता औऱ कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से गठबंधन तोड़ने पर कुछ किया होता, तो शायद यह दिन नहीं देखना पड़ता। उन्होंने उद्धव के समर्थकों को लेकर कहा कि आज वे कार्यकर्ताओं से मिल रहे है और एकनाथ शिंदे का समर्थन नहीं करने के लिए मना रहे हैं, लेकिन लोग उनकी सुन नहीं रहे।
सांसद ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र से लोग मुख्यमंत्री के आवास नंदन वन पर एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के लिए जुट रहे हैं।
कांग्रेस और NCP से गठबंधन का सपने में नहीं सोचा था
उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा के साथ आने के बाद प्राकृतिक गठबंधन के कार्यकर्ता खुश नजर आ रहे थे। पहले किसी ने कांग्रेस और राकंपा के साथ गठबंधन का सोचा भी नहीं था, लेकिन सत्ता हासिल करने के लिए एक गठबंधन बना।
सांसद ने कहा कि MVA बनने के बाद शिवसेना को सीएम पद मिला और हमने सोचा की पार्टी बढ़ेगी, लेकिन इससे विपरीत हुआ। उन्होंने बताया कि कई ग्रामीण चुनावों में पार्टी हार गई। ग्रामीण इलाकों से विधायकों और पार्टी के नेताओं ने शिकायक की थी कि एनसीपी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसी ने भी नहीं सुना।
NCP पर आरोप
श्रीकांत ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी सांसदों को शिव संपर्क अभियान का काम दिया गया। उन्होंने बताया कि वह खुद इसके तहत दो बार परभणी और सतारा जिला गया, जहां पाया कि उनके विधायक होने के बाद भी वहां NCP अपने नेताओं के लिए राशि मंजूर कर उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने बताया कि अन्य सांसदों ने भी यही पाया और कुछ सांसदों ने उद्धव साहेब को शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।