राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट को लेकर विवाद हो गया है। केंद्र सरकार ने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के तहत नहीं थी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में खड़गे को ‘उचित’ सीट पर नहीं बैठाया गया।
विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर यह दावा भी किया कि वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है। कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने ट्विटर पर यह पत्र साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नायडू को पत्र लिखा है। पत्र में इन दलों ने कहा, “आज राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।”
नहीं हुआ किसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन: प्रह्लाद जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में किसी ‘प्रोटोकॉल’ का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “वरीयता के क्रम में, विपक्ष के नेता कैबिनेट मंत्रियों के बाद आते हैं। नियमों के तहत उनकी सीट तीसरी पंक्ति में आती है। लेकिन खड़गे जी की वरिष्ठता का सम्मान करने के लिए, उन्हें पहली पंक्ति में ही सीट प्रदान की गई थी।”
जोशी ने कहा कि जब खड़गे ने किनारे वाली अपनी सीट को लेकर आपत्ति जताई तो वहां मौजूद कर्मियों ने उनसे बीच में आने की अपील की लेकिन खड़गे ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि शनिवार को निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई कार्यक्रम में खड़गे को प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट दी गई, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रपति का भी अपमान था। आज वे (विपक्ष) बिना किसी मुद्दे का मुद्दा बना रहे हैं। वरीयता क्रम के बावजूद, हमने उन्हें पहली पंक्ति में सीट देने का प्रयास किया। ज्यादातर कैबिनेट मंत्री दूसरी पंक्ति में बैठे।”
यह जनता को गुमराह करने की कोशिश: पीयूष गोयल
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी खड़गे की सीट को लेकर विपक्ष के आरोप का खंडन किया। गोयल ने उच्च सदन में कहा कि कांग्रेस के एक नेता और इस सदन के सदस्य ने बेबुनियाद ट्वीट कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में नेता प्रतिपक्ष (खड़गे) को सही स्थान नहीं दिया गया।
गोयल ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में लोगों के बैठने की व्यवस्था गृह मंत्रालय के ‘प्रोटोकॉल’ के तहत की गई थी। उन्होंने कहा कि ‘प्रोटोकॉल’ के तहत नेता प्रतिपक्ष सातवीं कड़ी में आते हैं और उसके हिसाब से उनकी सीट तीसरी पंक्ति में होती। लेकिन उन्हें अगली पंक्ति में सीट मिली थी जिसे देखकर उन्हें खुशी हुई।