Uttarpradesh

भक्तो की आस्था का केंद्र है। सकाहा मंदिर, सावन पर भगवान शिव के दर्शन को उमड़ती है। श्रद्धालुओं की भीड़

अनुज कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

हरदोई जनपद से करीब पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर शाहजहांपुर हाइवे के पास सकाहा गांव है। यहां पर स्थित श्री शिव संकट हरण मंदिर प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की किवदंती है कि आजादी से कई वर्ष पूर्व लाला लाहौरी मल नामक एक व्यापारी थे, उनके पुत्र को अंग्रेजी शासन काल में फांसी की सजा सुनाई गई जिसकी अपील के लिए वह दिल्ली जा रहे थे। रास्ते में जंगल पड़ा और वह रुक कर वहां सो गए। स्वप्न में शिव जी ने उन्‍हें दर्शन दिए और मनोकामना पूर्ण हो जाने की बात कही। सुनवाई के दाैरान उनके पुत्र को फांसी की सजा माफ हो गयी। जिसके बाद उन्होंने एक मंदिर का निर्माण कराया। सन 1951 की बात है जब तत्कालीन थानाध्यक्ष श्री शिव शंकर लाल वर्मा ने यहां पर पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए मनोकामना मांगी। उनकी मनोकामना पूर्ण हुई तो उन्होंने इस का भव्य निर्माण कराया। धीरे धीरे इस मंदिर की आस्था दूर दूर तक फैलने गई। भक्‍तों की भीड़ जमा होने लगी। भगवान शिव के दर्शन को भक्‍तों का तांता लगने लगा। यहां तक कि राजनीति में जीत के लिए नेताओं के चुनाव के दौरान भीड़ देखने को मिलती है। जीतने के बाद ये सब आकर शिव जी को प्रसाद चढ़ाते हैंं। यह मंदिर जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि अगर किसी को पुत्र रत्न की प्राप्ति चाहिए तो वह प्रत्येक सोमवार, सावन व महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होगी। प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में सकाहा मं‍दिर में भक्तों की भीड़ का तांता लगा रहता है। सावन का महीना शुरू होने से पहले तैयारी पूरी करा ली गई है। मंदिर में साफ-सफाई, वाहन पार्किंग, मेला व साधु संतो के लिए रहने व खाने की व्यवस्था पूर्ण करा ली गयी है। पूरे सावन मास भर प्रशासन की ओर से प्राइवेट बसे व टेम्पो आदि उपलब्ध रहते हैंं।

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