मान्यता है कि दुनिया भर में मशहूर लखनऊ के दशहरी आम का जनक पेड़ काकोरी में है। काकोरी ब्लॉक के इस गांव और वहां 300 साल से खड़े इस पेड़ का नाम ‘दशहरी’ ही है। आम महोत्सव के मौके पर डीएम सूर्य पाल गंगवार ने 300 साल पुराने इस पेड़ की पूजा की और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ‘मदर ऑफ मैंगो ट्री’ के रूप में भी चर्चित इस पेड़ के पीछे दिलचस्प कहानी है।
बताते हैं कि लखनऊ से सटे काकोरी के इस पुराने गांव में जब इस पेड़ पर पहली बार आम आया था तो गांववालों ने मिलकर गांव का नाम पर उसका नाम दशहरी रख दिया। तभी से दशहरी आम का जन्म हुआ। आज यह लखनऊ की पहचान बन चुका है। खाने में बेहद स्वादिस्ट और अन्य आमों से अलग दशहरी की यूपी और देश के कोने-कोने में मांग है। गांववालों का कहना है कि यूं तो कोई भी सटीक तौर पर नहीं बता सकता कि यह पेड़ कितने साल पुराना है लेकिन पेड़ को लेकर पीढ़ियों से गांव में सुनाए जा रहे किस्से-कहानियों के आधार पर इसके कम से कम 300 साल पुराने होने का अनुमान लगाया जाता है। इस और गांव के अन्य पेड़ों के आमों की खुशबू आसपास से आने-जाने वालों को आनंद से भर देती है।