Uttarpradesh

फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाने के बाद BJP के फैसले पर उठ रहे ये 5 सवाल

महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासी संकट के चाणक्य बनकर उभरे पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) को बीजेपी (BJP) आलाकमान ने डिप्टी सीएम बनने का फरमान सुना दिया. तो वहीं शिवसेना (Shiv Sena) के बागी नेता (Rebel Leader) एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मुख्यमंत्री बन गए. जिसके बाद बीजेपी के इस फैसले पर कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. देवेन्द्र फडणवीस की कुछ तस्वीरें दिखने क बाद अंदाजा लग गया कि उनके चेहरे पर एक दिन पहले जो खुशी थी वो शपथ ग्रहण के समय अचानक गायब थी. 

इसकी वजह भी है क्योंकि इस महा सियासी ड्रामे के बाद जो तस्वीर सबके सामने उभरी थी, उसके केन्द्र में फडणवीस ही थे, सियासी पंडितों ने कहना भी शुरू कर दिया था कि अगले सीएम फडणवीस होंगे, लेकिन बीजेपी ने फडणवीस को छोड़ शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने क फैसला लिया. जिसके बाद फडणवीस ने एलान कर दिया कि वो बाहर से समर्थ देंगे.

उतरे चेहरे के साथ ली शपथ

लेकिन इसके तुरंत बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने फडणवीस को डिप्टी सीएम बनने के लिए कह दिया और फिर आलाकमान के इस फरमान के बाद फडणवीस महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए. शपथ लेने के दौरान फडणवीस का चेहरा उतरा हुआ दिखा, बुझे हुए चेहरे के साथ शपथ लेने के लिए मंच पर बढते दिखे, इतना ही नहीं, बधाई लेने के दौरान भी वो मायूस से नजर आए. जिसके बाद सियासी हल्के में ये सवाल गूंजने लगे कि क्या फडणवीस ने बेमन से ये पद स्वीकर किया है.

मायूसी पर ट्विटर का पर्दा

हालांकि बाद में फडणवीस ने ट्वीट कर अपनी मायूसी को ढकने की कोशिश भी की. उन्होंने लिखा, प्रामाणिक कार्यकर्ता के नाते पार्टी के आदेश का मैं पालन करता हूं. जिस पार्टी ने मुझे सर्वोच्च पद तक पहुंचाया, उसका आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है. कहा जाता है कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो बंद कमरों में फैसले लेती है और उसके बड़े नेता आकर उसकी घोषणा कर देते हैं.

फडणवीस को DCM बनने के बाद उठे ये सवाल

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक कहा जा रहा है कि बीजेपी का ये फैसला देवेंद्र फडणवीस को कमतक आंकने जैसा है. 

दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि फडणवीस ने मीडिया में कहा कि वो सरकार में नहीं रहेंगे. हर जगह यही खबर गई कि वो कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे. उसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने फडणवीस को डीसीएम बनाकर मीडिया को संदेश दिया कि… नहीं फडणवीस जो कह रहे हैं गलत है.

तो क्या केंद्रीय नेतृत्व और फडणवीस के बीच कोई तालमेल नहीं था. फडणवीस सत्ता में शामिल नहीं होने का फैसला ले रहे हैं और केंद्रीय नेतृत्व को इसके बारे में कुछ पता नहीं.

बीजेपी के इस फैसले के पीछे की रणनीति कुछ और है. एकनाथ शिंदे पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं. यानी उनके पास अभी सरकार चलाने का अनुभव नहीं है. ऐसे में गठबन्धन सरकार में संतुलन स्थापित करना और बागी विधायकों को एकजुट करके रखना एकनाथ शिंदे के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता था. इसलिए बीजेपी ने तय किया कि देवेंद्र फडणवीस इस सरकार का हिस्सा होंगे.

महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव 2024 में होंगे. यानी इन चुनावों में अब सिर्फ ढाई साल बचे हैं. इसलिए सरकार और संगठन के स्तर पर विचारधारा से कोई समझौता ना हो और सरकार में बीजेपी का भी बराबर प्रभाव रहे, इसलिए देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी दी गई है.

देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) को डिप्टी सीएम (Deputy CM) बनाने से बीजेपी (BJP) नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाराज होने का खतरा था. इसकी वजह से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने खुद सामने आकर इस बात का ऐलान किया कि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनेंगे.

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