एलडीए ने 50 सांप पकड़ने के लिए दे दिए एक करोड़, जांच रिपोर्ट में घोटाले का खुलासा

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में सांप पकड़ने और कार्यक्रम में कुर्सी मेज और पण्डाल बनाने के नाम पर घोटाले का खुलासा हुआ। एलडीए के इंजीनियरों ने बिना टेंडर कराए ही कंपनी को एक करोड़ रुपये से अधिक भुगतान कर दिया। इतना ही नहीं, ऐसी कंपनी को सांप पकड़ने का विशेषज्ञ दिखाकर काम दे दिया गया, जिसके पास कोई अनुभव ही नहीं था। कम्पनी पार्क में टाइल्स लगा रही थी, जो बाद में सांपों की विशेषज्ञ बन गयी। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने मामले की जांच कर एलडीए को रिपोर्ट भेज दी है। लेखा परीक्षा विभाग ने एलडीए से इस घपले के जिम्मेदारों से वसूली की सिफारिश भी की।
एलडीए ने वर्ष 2013 से 2016 के बीच गोमतीनगर विस्तार में जनेश्वर मिश्र पार्क बनवाया था। इस दौरान यहां अफसरों को पार्क में सांप नजर आने तो इन्हें पकड़ने के लिए विशेषज्ञ रखवाए थे। पूरे पार्क में करीब 50 सांप पकड़े गए। मगर इन सांपों और बाद हुए आयोजन दोनों में मिलाकर इंजीनियरों ने एक करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया। वन विभाग, चिड़ियाघर और जंगल में काम करने वाली किसी संस्था से सम्पर्क करने की बजाय इंजीनियरों ने इसका ठेका जनेश्वर पार्क के ठेकेदारों को ही दे दिया।
ऑडिट विभाग की एलडीए को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस कम्पनी को सांपों को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी, वह सिविल काम करती थी। उसे सांप पकड़ने का कोई अनुभव नहीं था। इंजीनियरों ने विशेषज्ञों से भी सम्पर्क नहीं किया। ऑडिट में इसके लिए जिम्मेदार इंजीनियरों और अधिकारियों से वसूली की बात लिखी है। पार्क में मिट्टी का टीला और कार्यक्रम में कुर्सी मेज लगवाने के नाम पर भी काफी घपला किया गया। इस काम को भी बिना टेण्डर मनमाने ढंग से इसी कंपनी को दे दिया गया। इससे प्राधिकरण को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
सपेरों के नाम पर भी लिया भुगतान
ऑडिट में लिखा गया है कि अफसरों ने 10 सपेरे रखने की मंजूरी ली थी, फिर बढ़ाकर 12 रख लिये। इन्हें सिर्फ एक महीने रखना था। 13 जून 2015 को रखा गया था, लेकिन वर्ष 2016 तक इनके नाम पर कम्पनी भुगतान लेती रही। 10 की जगह 12 सपेरे भी लाए गए। ऑडिट में लिखा गया है कि शीत ऋतु में सांप सुप्ता अवस्था में चले जाते हैं, तब सांप पकड़ने वाली कम्पनी की जरूरत नहीं थी। इसके बावजूद कम्पनी को बिना काम भुगतान किया गया। इससे करोड़ों का नुकसान हुआ। ऑडिट ने यह भी लिखा है कि सपेरों की रोजाना की उपस्थिति का कोई अभिलेख नहीं मिलना। इनके प्रतिदिन उपस्थित रहना भी संदिग्ध है। अग्रिम दी गयी दो लाख 70 हजार रुपए रकम का भी दुरुपयोग किया गया। एलडीए के इंजीनियरों के मुताबिक इटावा से सपेरे लाए गए थे, जिसकी वजह से उन्हें लखनऊ की तुलना में ज्यादा भुगतान करना पड़ा।
जनेश्वर पार्क में सांप पकड़ने के मामले में ऑडिट ने अनियमितता की रिपोर्ट दी है। परीक्षण करवा रहे हैं। इंजीनियरिंग विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी है। कुछ काम बिना टेण्डर कराए किए गए हैं, जो गलत है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।
दीपक सिंह, वित्त नियंत्रक, एलडीए