Uttarpradesh

अचानक गायब हुआ UP पुलिस का सिपाही, 3 महीने बाद लौटा तो हनुमान भक्ति में लीन

यूपी के संभल के गुन्नौर कोतवाली में तैनात शामली निवासी सिपाही शाक्तिसिंह डयूटी से गायब होने के तीन माह बाद अचानक वापस लौटा तो ऐसी बात कही जिसे सुनकर परिजनों के साथ ही पुलिस स्टाफ भी हैरत में आ गया। सिपाही ने कहा अब न तो घर परिवार न ही नौकरी,मेरा मन भगवान की भक्ति में लगा है अब बाकी जीवन ईश्वर भक्ति में गुजारूंगा। गुन्नौर कोतवाली पहुंचकर थाना प्रभारी और सीओ को इस्तीफा सौंपने के बाद सिपाही ने परिजनों से कहा कि अब वह हनुमान की भक्ति में अपना जीवन गुजारेगा इसलिए उसका मोह छोड़कर वापस लौट जाओ। 
शामली के जिझाना थाना क्षेत्र के गांव अमावाली मझरा यहियापुर निवासी शाक्तिसिंह संभल जिले की गुन्नौर कोतवाली में सिपाही के पद पर कार्यरत था। तीन महीने पहले शाक्ति सिंह बगैर बताए गायब हो गया था। परिजनों होने पर परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस व परिजन शाक्तिसिंह को तलाश करने में जुटे थे। पता ही नहीं चल पा रहा था कि आखिर सिपाही शक्ति सिंह कहां चला गया। जनपद संभल की पुलिस भी गायब सिपाही को खोजने में जुटी थी।

गुन्नौर पुलिस को रविवार को जानकारी मिली कि शक्ति सिंह हरिद्वार में किसी मंदिर में है। गुन्नौर कोतवाली से दरोगा अमित कुमार टीम को लेकर हरिद्वार पहुंचे। लगातार खोजा तो पता चल गया कि सिपाही कहां पर है। इसके बाद दरोगा अमित कुमार ने शक्ति सिंह का पता लगाया और वह उससे मिले। दरोगा ने दाढी बढ़ाकर भगवान की भक्ति में लगे सिपाही शाक्तिसिंह को समझाया, तो वह उनकी बात मनाकर गुन्नौर आ गया। पुलिस ने सोमवार को सिपाही के परिजनों को भी बुला लिया।
प्रभारी निरीक्षक बीपी पूनिया और सीओ आलोक सिद्धू ने सिपाही से वार्ता की। सिपाही को अफसरों के साथ ही उसके परिजनों ने भी समझाया लेकिन उसने कहा कि वह नौकरी छोड़ रहा है और ईश्वर भक्ति करेगा। वह हनुमान जी की पूजा में लीन हो गया है। सिपाही ने थाना प्रभारी और सीओ को अपना इस्तीफा सौंप दिया। प्रभारी निरीक्षक बीपी सिंह पूनिया ने बताया कि कांस्टेबल शक्ति सिंह को हमने पानी पीने के लिए कहा, इतनी गर्मी में भी उसने एक घूंट पानी तक नहीं पिया।

थाने पहुंचा सिपाही तो साथी भी रह गए हैरान
हरिद्वार से रविवार को सिपाही शाक्ति सिंह गुन्नौर कोतवाली के दरोगा के साथ गुन्नौर पहुंचा। सिपाही शाक्ति सिंह को देखकर कोतवाली में मौजूद उसके साथी सिपाही आश्चर्यचकित रह गए। क्योंकि जब शाक्तिसिंह लौटा, तो उसकी दाढ़ी काफी बढ़ चुकी थी और वह अध्यात्म में पूरी तरह लीन हो गया। साथी सिपाही शक्ति सिंह के व्यवहार में आये परिवर्तन को देखकर चकित थे। वास्तव में वह घर परिवार और नौकरी का मोह छोड़ चुका था। परिजन चाहते थे कि शक्ति सिंह उनके साथ वापस घर को चले जबकि सिपाही शक्ति सिंह इस बात पर अड़ा था कि अब उसका कोई घर नहीं है। उसके आराध्य भगवान हनुमान हैं और वह उनकी शरण में जाकर उनकी भक्ति में ही जीवन गुजारेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button