राजनीति के ‘अग्निपथ’ पर राहुल-प्रियंका से आगे निकले वरुण, बिना विरासत और संगठन के अकेले ही बन रहे हैं युवा धाकड़ ब्रांड

पिछले कुछ समय से वरुण ने आर्थिक तौर पर कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों और बेरोजगार युवाओं के हक की आवाज उठानी शुरू की। एक तरफ तो वह लगातार ट्वीट कर बेरोजगार युवाओं के मुद्दों को सार्वजनिक विमर्श में लाते रहे हैं और उनके लिए बेहतर नौकरियों के अवसर खोलने की मांग करते रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वरुण उन जरूरतमंद युवाओं की आर्थिक मदद भी कर रहे हैं, जो किसी कारणवश प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए जाने में असमर्थ हैं।
हिंदू-मुस्लिम विवाद, कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों और दूसरे लोगों की निशानदेही हत्याओं और पैगंबर मुहम्मद साहब को लेकर दो भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी और उसके बाद अरब देशों की तीखी प्रतिक्रिया और उसके दबाव में बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बावजूद देश के कई हिस्सों में हिंसा के बाद देश का माहौल सेना में नई भर्ती नीति अग्निपथ के विरोध की आवाजों से गर्म है। सरकार और सेना के अधिकारी विरोध की इस आंच पर अग्निपथ योजना के तमाम फायदों के छींटे डालकर उसे ठंडा करने की कोशिश की है।
युवा राजनीति का एक नया ब्रांड बने वरुण
इन सारे शोर शराबे के बीच नेहरू गांधी परिवार के तीनों सियासी वारिस यानी तीनों गांधीवीर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और वरुण गांधी भी अपनी राजनीति के अग्निपथ पर चल पड़े हैं। राहुल और प्रियंका जहां पिछली कई चुनावी विफलताओं की लहरों के थपेड़ों से डगमगाती कांग्रेस की जर्जर नाव को संभालने में जुटे हैं, वहीं वरुण भाजपा के भारी भरकम जहाज पर सवार तो हैं लेकिन सियासी तूफान की तमाम चुनौतियों का सामना खुद करने के लिए उस जहाज से अगर कूदना भी पड़े तो उसकी तैयारी उन्होंने शुरू कर दी है। जहां राहुल और प्रियंका के पीछे पूरी कांग्रेस पार्टी की ताकत है, वहीं वरुण खुद अपनी ताकत बन रहे हैं और युवा राजनीति के एक नए ध्रुव के रूप में उभर रहे हैं। राहुल प्रियंका की बात को देश में दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस का पूरा सूचना और प्रचार तंत्र जुटा है। वहीं वरुण अपने अकेले दम पर एक तरफ अपनी ही पार्टी की सरकार से लगातार सवाल कर रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात भी सफलतापूर्वक लोगों तक पहुंचा रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ साल से किसान आंदोलन से लेकर युवाओं के असंतोष तक को स्वर देने में वरुण ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। वह युवा राजनीति का एक नया धाकड़ ब्रांड बनते जा रहे हैं।