टाइम सेंटर की तीसरी मंजिल बुलडोजर पर गिरी-बाल-बाल बचा जेसीबी चालक

अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद टाइम सेंटर की तीसरी मंजिल टूटते समय बड़ा हादसा टल गया।
चौथी मंजिल ध्वस्त होने के बाद जब तीन जेसीबी से तीसरी मंजिल गिराई जा रही थी, उस समय एक बड़ा हादसा होने से बच गया। हुआ यूँ कि तीसरी मंजिल जेसीबी के ऊपर गिरी, जिससे चालक बाल- बाल बचा। इसके बाद कुछ देर तक जेसीबी चालकों ने काम रोक दिया। थोड़ी देर बाद जेसीबी चालकों ने हिम्मत करके दूसरी मंजिल पर हमला बोल दिया और फिर इमारत को जमींदोज करने के बाद ही दम लिया। पूरी बिल्डिंग टूटने में प्रशासन को 56 घण्टों का समय लगा। लोगों में चर्चा रही 56 इंची सीने ने 56 घंटे में बिल्डिंग का काम तमाम कर दिया। तमाशबीनों के कारण प्रशासन की समस्याएं बढ़ीं
तमाशबीनों के कारण प्रशासन की दिक्कतों में इजाफा होता रहा। लोग टूटती बिल्डिंग की तस्वीरें कैमरे में कैद कर रहे थे। भीड़ को सम्भालने के लिए उस समय पुलिस फोर्स कम था। भीड़ न हो, इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट ने रात का वक्त चुना था, लेकिन भीड़ नहीं मानी। उसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली से अतिरिक्त फोर्स मंगवाया और फिर पुलिस ने लाठियाँ भांजकर लोगों को खदेड़ा।
इमारत को जमीन पर गिराने के बाद ही हटीं सिटी मजिस्ट्रेट
एक महिला अधिकारी की दिलेरी लोगों की जुबान पर है। जो काम इतने वर्षों में नहीं हो सका वह महिला अधिकारी ने सम्भव कर दिखाया। सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव रविवार रात्रि 12 बजे चौक पहुंच गयी थीं और पूरी विध्वंस कार्रवाई कराने के बाद सोमवार रात्रि साढ़े बारह बजे घर वापस लौटीं। जब तक टाइम सेंटर को तोडऩे की कार्रवाई चली वे कभी खड़े-खड़े और कभी बैठकर देखती रहीं। जब जरूरत पड़ी दिशा निर्देश देती रहीं। अन्त में उन्होंने नगर पालिका की टीम को शाबासी दी और गुड नाइट बोलकर फतेहगढ़ लौट गयीं।
एचटी लाइन टूटने से अंधेरे में डूबा रहा चौक फीडर
टाइम सेंटर की बिल्डिंग गिरने से 11 हजार की हजार की हाईटेंशन लाइन टूट गयी, जिससे पूरे चौक फीडर रात भर अंधकार में डूबा रहा। हालांकि विद्युत अधिकारियों ने रात में ही वैकल्पिक व्यवस्था करके सुबह तडक़े तक लाइट की व्यवस्था सामान्य कर ली। हालांकि रेलवे रोड वाली लाइन के तार अभी भी टूटे पड़े हैं।