आजमगढ़ उपचुनाव प्रचार से अखिलेश, मुलायम और शिवपाल दूर, धर्मेंद्र के लिए बढ़ी चुनौती

ब्यूरो रिपोर्ट
सपा से आजमगढ़ लोकसभा सीट छीनने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी के अपने स्टार प्रचारक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी मोर्चा संभाल लिया है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का अब तक न जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। खासतौर पर तब, जब उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के गुड्डू जमाली लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं। इस त्रिकोने संघर्ष में कौन बाजी जीतेगा, यह दूसरे के वोट बैंक की सेंधमारी की क्षमता से तय होगा। अलबत्ता अखिलेश यादव की सीट को जिताने के लिए पार्टी के तेजतर्रार नेता आजम खां वहां जोरदार भाषण दे चुके हैं। सपा के सहयोगी दल रालोद मुखिया जयंत चौधरी तक वहां चुनावी रैलियां कर चुके हैं। यही नहीं थोड़ी खिन्न्नता के बावजूद सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी आजमगढ़ में सपा के लिए प्रचार कर चुके हैं। सपा के कई मुस्लिम नेता वहां धर्मेंद्र के लिए माहौल बनाने में लगे हैं। इसीलिए आजमगढ़ में नुपूर शर्मा वाला मुद्दा भी खूब गर्माया गया। पर अग्निपथ योजना संबंधी विवाद से प्रचार अब दूसरी दिशा में है। सपा ने आजमगढ़ के सभी 10 विधायकों को वहां प्रचार में लगा रखा है।अखिलेश, मुलायम, शिवपाल अब तक नहीं पहुंचे
यह पहली बार है कि आजमगढ़ में इतना बड़ा चुनाव हो रहा है और मुलायम, अखिलेश व शिवपाल यादव तीनों अलग-अलग कारणों से वहां अब तक नहीं पहुंचे हैं। असल में अखिलेश यादव अपनी सीट को लेकर निश्चिंत बताये जाते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह उनकी रणनीति का हिस्सा है। वह सीट जीतने के बाद धन्यवाद देने तो जाएंगे ही। मुलायम सिंह यादव अपनी बढ़ती उम्र के कारण व खराब मौसम के चलते आजमगढ़ के चुनाव प्रचार से दूर हैं और शिवपाल सपा विधायक होने के बावजूद वहां नहीं पहुंचे। खुद सपा ने ही उनकी जरूरत नहीं समझी और उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं रखा। वैसे भी अखिलेश व शिवपाल यादव की राहें अलग हो चुकी हैं लेकिन सैफई परिवार के सदस्य के लड़ने के कारण शिवपाल पर दबाव भी है। वैसे जानकार मानते हैं कि आजमगढ़ में अगर मुलायम व शिवपाल भी प्रचार में उतरते तो सपा के लिए राह आसान हो जाती।