Uttarpradesh

विश्वकर्मा टाईटल लिखने से समाज की बढ़ती है पहचान— महेश विश्वकर्मा

उमेश कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट
उरई (जालौन)
18 जून। अपने नाम में विश्वकर्मा टाईटल लिखने से समाज की पहचान बढ़ती है और सम्मान भी। उक्त बात अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा जालौन एवं बुंदेलखंड प्रभारी महेश चंद्र विश्वकर्मा ने आज सिरसा दोगढ़ी में रामनारायण विश्वकर्मा पूर्व प्रधानाचार्य जी आई सी के चाचा जी के त्रियोदशी भंडारे में उपस्थित विश्वकर्मा समाज के लोगों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज में लोग अलग अलग टाईटल लिखते हैं जैसे शर्मा,ओझा,झा, भारद्वाज, मिश्रा,शुक्ला, दीक्षित,आदि जो विश्वकर्मा समाज का अस्तित्व कम कर रहे है जिस बजह से विश्वकर्मा समाज को बहुत कम संख्या में आंका जाता है और राजनैतिक भागेदारी से वंचित रहते हैं। हालांकि एक बात ठीक है कि विश्वकर्मा समाज की टाईटलों में बंटा है लेकिन शादी सम्बन्ध समाज के अंदर ही करता है। लेकिन अलग अलग टाईटलों की बजह से समाज ही गुमराह होती है बल्कि बाहृय लोग भी विश्वकर्मा समाज को ब्राह्मण समझकर अपनी समाज की संख्या अधिक बताकर विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में विश्वकर्मा समाज शिक्षा की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है और आगे वाले समय में विश्वकर्मा समाज उन्नति के शिखर पर पहुंचेगा। लेकिन राजनैतिक चेतना बहुत कम है। धीरे धीरे राजनैतिक चेतना भी आयेगी।बस विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर विश्वकर्मा टाईटल के प्रयोग करें तो संख्याबल दिखाई देगा और राजनैतिक भागेदारी भी मिलने लगेगी।इस मौके पर शैलेन्द्र विश्वकर्मा भोले,रामस्वरूप विश्वकर्मा पूर्व अध्यापक, रामनारायण विश्वकर्मा सिरसा पूर्व प्रधानाचार्य,काजू विश्वकर्मा नावली, कुलदीप विश्वकर्मा कोंच,नीरज शर्मा,आकाश विश्वकर्मा, शिवनारायण झा पूर्व सचिव माधौगढ़, उमेश विश्वकर्मा सुलखना,लालजी विश्वकर्मा अटागांव,रामवावू विश्वकर्मा नियामतपुर, सहित तमाम विश्वकर्मा समाज के लोग मौजूद थे।

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