दबंगो का कहर कुछ इस कदर बरसा कि 19 साल की ज्योति आज भी अपने पति के साथ ससुराल में जाने के इंतजार में बैठी

दबंगो का कहर कुछ इस कदर बरसा कि 19 साल की ज्योति आज भी अपने पति के साथ ससुराल में जाने के इंतजार में बैठी है,जबकि स्थानीय दबंग घात लगाए बैठे है कि हम ज्योति की विदा नही होने देंगे।अब ज्योति इंतजार कर रही है हम अपनी ससुराल मैनपुरी कब जायेंगे।
दरअसल पूरा मामला जनपद एटा के कस्बा अलीगंज के मोहल्ला छेदालाल गौड़ की है जहां राजेन्द्र कश्यप की पुत्री की बारात 16 जून को आई थी,बारात की रश्में पूरी हो रही थी,बैंड बाजों की धुन पर थिरकते हुये दूल्हे के साथ बाराती दुल्हन के घर पहुचे थे, दरवाजे की रश्म के दौरान आतिशबाजी चल रही थी। इस दौरान वहां पर भीड़भाड़ भी उपस्थित थी,अतिशबाजी चलने के दौरान आतिशबाजी की चिंगारी अनुसूचित जाति के एक बच्चे के लग गयी जिसके बाद में वहां पर तनाव फैल गया,बुद्धिजीवी लोग कठेरिया समाज के लोगो को समझाने बुझाने लगे,लेकिन कठेरिया समाज के लोगो ने एक न सुनी।
इस घटनाक्रम के बाद में शादी की रश्में फिर आगे की तरफ बढ़ने लगी,हिंदू रीतिरिवाज के अनुसार दूल्हा मंडप पर पहुचा था जहां पर भाँवर आदि की रश्में पूरी करवाई गयी,17 जून को जिसके बाद में दुल्हन की विदाई की जानी थी,दुल्हन अपने घर से कार में बैठ करके निकली ही थी कि पास के ही 50 से 60 लोग आ गए और दुल्हन को गाड़ी से उतार करके उसके घर भेज दिया और दूल्हे समेत बारात को एक कमरे में बंधक बना लिया।
दरअसल मैनपुरी के मोहल्ला गाड़ीवान से राधेश्याम कश्यप के पुत्र पुष्पेंद्र (भोले) की बारात 16 जून को एटा के अलीगंज में बारात आयी थी,जहा से 17 जून को दुल्हन ज्योति के साथ मे बारात मैनपुरी वापस जानी थी,लेकिन दबंगो ने बारात को बंधक बना लिया जिसके बाद में बाराती को 18 जून को बगैर दुल्हन के ही जैसे तैसे वापस लौट गये, जब ये बात समाज मे फैली तो तरह तरह की चर्चा हो रही थी।
दुल्हन की माँ मिथलेश बताती है 16 जून को मैनपुरी से हमारी बेटी की बारात आयी थी द्वारचार की रश्म के समय मोहल्ले के एक बच्चे के आतिशबाजी की चिंगारी लग गयी थी,ये लोग दबंग है जिसके बाद में बरातियों के साथ मारापीटी की दो दिनों तक बचे हुए बारातियों को कमरे में बंद कर दिया लिहाजा आज 18 जून को आज बगैर दुल्हन के ही बारात वापस लौट ग़यी।
दुल्हन के पिता राजेन्द्र बताते है हमारी बेटी आज भी घर पर बैठी है दबंगो ने हमारे रिश्तेदारों के साथ मारापीटी की और मेरी बेटी की विदाई नही होने थी,दो दिन तक रिश्तेदारों (लड़के के पक्ष) को बंधक बना करके रखा था।
शादी के जोड़े में सजी हुई ज्योति रुंधे हुये गले मे बोली, दरवाजे के समय आतिशबाजी चल रही थी,मोहल्ले में एक बच्चे के आतिशबाजी की चिंगारी लग गयी थी,हमारा परिवार बहुत गरीब परिवार है,इन लोगो ने बारातियों के साथ मारापीटी की और बारात को भगा दिया,बचे लोगो मे हमारे पति (दूल्हा) और उनकी बहन,दूल्हे के बहनोई और चाचा समेत आधा दर्जन से ऊपर लोगो को दबंगो ने एक कमरे में बंधक बना करके रखा था,जिसके बाद में मेरे बगैर(दुल्हन) बारात वापस लौट गई और मुझे ससुराल नही जाने दिया।
दूल्हा पुष्पेंद्र उर्फ भोले का कहना है मेरी बारात 16 जून को अलीगंज पहुची थी जिसमे दरवाजे की रस्म के समय वही के लोगो से कुछ कहासुनी हो गयी थी जिसके बाद में हम वहां से दुल्हन के साथ कार से विदाई करवा के वापस आ रहे थे,तभी 50 से 60 ने हमारी गाड़ी को घेर लिया और दुल्हन ज्योति को उतार कर के घर भेज दिया,हम 6 लोगो को एक कमरे में बंधक बना लिया था,जिसके बाद में आज 18 जून को हम जैसे तैसे बगैर दुल्हन के अपने घर मैनपुरी वापस आ पाए हैं।पुलिस ने हमारे भाई को हिरासत में ले लिया था,जिसके बाद में फिर छोड़ दिया,पुलिस की ये कार्यवाही देख करके हम लोग डर गये,जिसके बाद में हम लोगों ने पुलिस को शिकायत नही की है।
हालांकि पीड़ित परिवार ने दबंगों के डर की वजह से बरात को बंधक बनाने की सूचना पुलिस को नहीं दी, फिर भी एक बड़ा सवाल उठता है जब सूचना मीडिया को हो सकती है तो पुलिस को नहीं होना इस बात पर भी प्रशन चिन्ह लगता है।