पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की तरफ से बयान आया है. अमेरिका ने नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल की विवादित टिप्पणियों की निंदा की है। तो वहीं बीजेपी ने इन दोनों नेताओं पर जो कार्रवाई की है उस पर खुशी जताई है. नुपूर और नवीन की टिप्पणियों के बाद देश साथ साथ विदेशों में भी हंगामा मचा दिया है. अमेरिका का ये बयान विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) की तरफ से जारी किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Spokesperson) नेड प्राइस (Ned Price) ने दोनों ही नेताओं की टिप्पणियों की आलोचना की है.
नेड प्राइस ने अपने बयान में कहा है कि हम बीजेपी के दो अधिकारियों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं लेकिन हमें ये जानकार खुशी हुई है कि पार्टी ने सार्वजनिक रूप से उन टिप्पणियों की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हम धर्म या आस्था की स्वतंत्रता सहित मानवाधिकार संबंधी चिंताओं पर भारत सरकार के साथ वरिष्ठ स्तर पर नियमित रूप से जुड़ते रहे हैं और हम भारत को मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इस बात से खुश है अमेरिका
बता दें कि पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद देश विदेश में बवाल मच गया. इसके बाद बीजेपी ने अपने नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया था और उनके बयान पर बीजेपी ने निंदा की थी. पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने बयान जारी करके कहा था कि बीजेपी किसी धर्म या धर्म से जुड़े व्यक्ति को लेकर दिए गए अपमानजनक बयान की निंदा करती है. अमेरिका ने इसी बात को लेकर मोदी सरकार के लिए खुशी जाहिर की है.
नुपूर और नवीन को बाहर करने के बाद बीजेपी का बयान
बीजेपी (BJP) महासचिव अरुण सिंह (Arun Singh) ने कहा कि पार्टी इस तरह की विचारधारा (Thnking) के खिलाफ है जो किसी धर्म (Religion) या समुदाय का अपमान करे. बीजेपी इस तरह की सोच का समर्थन (Support) नहीं करती है. भारत के हजारों साल के इतिहास (Old History) में हर धर्म अच्छे फला-पूला है. बीजेपी सभी धर्मों का सम्मान (Respect) करती है. इस मामले पर अमेरिका से पहले कई इस्लामिक देश (Islamic Countries) खासी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. इनमें कई देश ऐसे थे जिनके भारत के साथ संबंध करीबी (Close Relation) माने जाते हैं. बांग्लादेश (Bangladesh) में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Haseena) से औपचारिक तौर पर निंदा की मांग की थी. अमेरिका से पहले कतर, ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देश पैगंबर पर टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं