गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब खून के रिश्तों में सम्पत्ति बंटवारे में स्टाम्प शुल्क केवल पाँच हजार लगेगा।
योगी सरकार के इस उपहार के बाद अब महज पांच हजार रुपए के खर्च पर लाखों-करोड़ों की प्रॉपर्टी को ट्रांसफर किया जा सकता है। अभी तक संपत्ति मूल्यांकन के पांच से सात फीसदी स्टाप ड्यूटी देनी पड़ती थी। सरकार के इस फैसले के बाद अब महज पांच हजार रुपए के स्टांप पर रजिस्ट्री हो जाएगी। इसके अतिरिक्त एक हजार रुपए प्रॉसेसिंग फीस देनी होगी।
सरकार ने इस कैटेगरी में परिवार के अंदर पिता, माता, पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्र वधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र और पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे। अभी तक इनको भी सरकारी रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ता था। मसलन अगर डीएम सर्किल रेट के हिसाब से अगर कोई 50 लाख की संपत्ति है, तो उसके लिए कम से 4.20 लाख रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब यह काम पांच हजार रुपए में होगा। यानी परिवार का करीब 4 लाख 14 हजार रुपए बचेगा।
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया को सरल व निर्विवाद बनाने के लिए कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया गया है। सरकार का मानना है कि परिवार का मुखिया अपने जीवनकाल में ही भाई, पुत्री, बहन, पिता, बहू, पुत्र, पौत्री या आर्थिक व शारीरिक रूप से कमजोर सदस्यों को पारिवारिक संपत्ति दान करना या उसका बंटवारा चाहता है, लेकिन स्टांप शुल्क अधिक होने की वजह से रजिस्ट्री से परहेज करता है।
स्टांप शुल्क से बचने के लिए संपत्ति के मालिक की ओर से परिवार के सदस्यों के नाम अक्सर वसीयत लिखी जाती है। लेकिन मुखिया के निधन के बाद वसीयत के अधिकांश मामलों में विवाद होता है। मंत्री के अनुसार अब ऐसे मामलों में कमी आएगी। साथ ही राजस्व प्राप्ति में वृद्घि होगी