Uttarpradesh

आखिर क्यों नही थे पावर हाउस में आग बुझाने के यंत्र हो सकता था एक बड़ा हादसा

मोहित गुप्ता  की रिपोर्ट

हरदोई जनपद के शाहाबाद के इस्लाम गंज पावर हाउस में उस समय अफरा तफरी का माहौल हो गया जब कंट्रोल रूम में रखी तहसील फीडर की ट्राली में ओवरलोड की वजह से शार्ट सर्किट होने के कारण आग लग गई देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और धु धु कर के कंट्रोल रूम में रखी ट्राली जलने लगी,इस्लाम गंज में मौजूद बिजलीं कर्मियों ने बाल्टियों से और हाथों में मिट्टी भर भर कर आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग के विकराल रूप के आगे उनकी एक न चली अफसोस की चिराग तले अंधेरा मतलब की पावर हाउस में आग बुझाने के यंत्र ( फायर एक्सटिंशर ) मौजूद नही थे  जबकि हर सरकारी कार्यालय पर आग बुझाने के यंत्र रखना अनिवार्य होते है खासतौर पर पावर हाउस जैसे अति संवेदनशील जैसे जगह पर आग पर काबू पाने वाले यंत्रो का होना बहुत ज़रूरी होता है लेकिन सरकारी सिस्टम की बात ही निराली है बाल्टी और हाथों से ही आग बुझाने का दम रखते है वहा के कर्मचारी,आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को दी लेकिन यहां भी बड़े दिक्कत का सामना करना पड़ता है लगभग 3 से 4 किलोमीटर दूर से आनी वाली फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आने में लगभग 30 मिनट लगते है और कही आंझि रेलवे स्टेशन का फाटक बंद मिला तो गई भैस पानी मे,आज भी काफी समय के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी इस्लाम गंज पावर हाउस पहुची और आग पर काबू पाया,अगर आज इस्लाम गंज पावर हाउस में आग बुझाने के यंत्र मौजूद होते तो इतना नुकसान न झेलना पड़ता और आम जनता को जिस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है शायद नही करना पड़ता,इस गैर ज़िम्मेदारी की सिर्फ और सिर्फ एक वजह है इस्लामगंज पावर हाउस में नियुक्त अधिकारी,सरकारी सिस्टम का यही रोना है जो न सुधरा है और न  कभी सुधरेगा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button