लखनऊ में सामने आया माफिया-बिल्डर-अफसर गठजोड़, 900 करोड़ की जमीन गुम, खुलासे के बाद मचा हड़कंप

लखनऊ में 900 करोड़ रुपए की आवास विकास परिषद की जमीन लापता हो गई है। यह जमीन कहां चली गई किसी को नहीं पता। केवल आशंका जाहिर की गई कि जमीन माफिया-बिल्डरों ने हड़प ली है। यह खुलासा परिषद की वृंदावन योजना की लैंड ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। यह वह रिपोर्ट है जिसे कुछ विभागीय अधिकारी दबाए बैठे रहे। बताया जा रहा है कि यह कब्जा परिषद के ही कुछ अधिकारियों-इंजीनियरों की मिलीभगत से किया गया है।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने अपनी वृंदावन योजना में लैंड ऑडिट के लिए एक निजी संस्था को काम दिया था। सूत्रों के अनुसार निजी संस्था ने एक वर्ष पहले रिपोर्ट आवास विकास को सौंप दी थी। लेकिन अधिकारियों ने लैंड ऑडिट की रिपोर्ट ही दबा दी। हिंदुस्तान ने पड़ताल की तो न सिर्फ लैंड ऑडिट रिपोर्ट मिल गई बल्कि यह भी पता चला कि इसमें बड़े पैमाने पर घपले हुए हैं। पूर्व अधिकारियों और इंजीनियरों ने मनमाने तरीके से माफिया तथा बिल्डरों को जमीनों पर कब्जे करा दिए हैं। जिससे आवास विकास परिषद के कब्जे से 900 करोड़ से अधिक की जमीन लापता हो गई है।
इस तरह की गई गड़बड़ी
-जमीन अधिग्रहण के बाद तत्कालीन अधिकारियों और इंजीनियरों ने प्रॉपर्टी डीलरों तथा बिल्डरों को जमीन पर कब्जा कराया
-अर्जन के बाद तमाम जमीने छोड़ दी गई, बाद में इसी जमीन पर इंजीनियरों- अफसरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम मकान व प्लॉट खरीदे
-कुछ अफसरों-इंजीनियरों के रिश्तेदारों के मकान अब भी खड़े जबकि तमाम बेचकर चले गए।
वृंदावन योजना का लैंड ऑडिट कराया गया है। इसकी रिपोर्ट पिछले वर्ष आई थी। काफी जमीन अवैध कब्जे में मिली है।
देश दीपक सिंह, सहायक आवास आयुक्त, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद