रवि तिवारी की रिपोर्ट
कन्नौज-आज सिनेमा के पर्दे पर दस्तक देने को तैयार फिल्म ‘पृथ्वीराज’ के बहाने कन्नौज की हजार साल पुरानी अमर प्रेम कहानी फिर सुर्खियों में है। मुगल बादशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की प्रेम कहानी से भी करीब 500 साल पहले कन्नौज की राजकुमारी संयोगिता और दिल्ली के सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रेम कहानी अमर है। हैरानी यह है कि गुजरे हजार साल में संयोगिता को सभी ने भुला दिया। कन्नौज में संयोगिता के नाम से सिर्फ एक सड़क है। यह वही सड़क है, जिसके बारे में कहा जाता है कि पृथ्वीराज चौहान संयोगिता को यहां से घोड़े पर बैठाकर ले गए थे।
करीब एक हजार साल पहले12वीं सदी की अमर प्रेम कहानी पर बनी फिल्म पृथ्वीराज तीन जून को पर्दे पर आएगी। फिल्म में अक्षय कुमार सम्राट पृथ्वी राज चौहान की भूमिका में होंगे। उनके साथ राजकुमारी संयोगिता का किरदार मिस वर्ल्ड रहीं मानुषी छिल्लर कर रही हैं। मानुषी संयोगिता के ऐतिहासिक किरदार के साथ बॉलीवुड में दस्तक देंगी। राजकुमारी संयोगिता का नाम इतिहास के पन्ने में तो दर्ज है पर कन्नौज में उनके नाम को सिर्फ पीडब्लूडी ने जिंदा रखा है। कहते हैं कि संयोगिता को यहां स्वयंवर के दौरान भरे दरबार से सम्राट पृथ्वीराज जिस रास्ते से ले गए, उस सड़क का नाम संयोगिता मार्ग पड़ गया। पीडब्लूडी के साइन बोर्ड में उस मार्ग को संयोगिता मार्ग बताया जाता है।
जीटी रोड से पुराना संयोगिता मार्ग, जगह-जगह गड्ढे
कन्नौज से होकर गुजरे जीटी रोड का इतिहास करीब पांच सदी पुराना है। शेरशाह सूरी ने उसे 16वीं सदी में बनवाया था, जबकि पृथ्वीराज राजकुमारी को यहां से करीब 400 साल पहले ले गए थे। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र से होकर गुजरी इस सड़क की हालत जर्जर है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। कन्नौज और उसके आसपास कई जगह पर लगे पीडब्लूडी के लगे साइनबोर्ड पर बाकायदा संयोगिता मार्ग लिखा है।
*म्यूजियम में सहेजी संयोगिता-पृथ्वीराज की कहानी*
राजकुमारी संयोगिता और सम्राट पृथ्वीराज चौहान के प्रेम, उसके बाद स्वयंवर और यहां से संयोगिता का हरण कर ले जाने की पूरी कहानी यहां के म्यूजियम में खूबसूरती से सहेजी गई है। राजा जयचंद और पृथ्वीराज चौहान के बीच अनबन और स्वयंवर में न बुलाकर पृथ्वीराज की प्रतिमा बनाकर खिल्ली उड़ाने की घटनाओं को खूबसूरती से दर्शाया गया है।
*जयचंद को नहीं था पसंद पृथ्वीराज से रिश्ता*
पृथ्वीराज चौहान के राजकवि चंद बरदाई की लिखित ग्रंथ पृवीराज रासो के मुताबिक, पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद के बीच पहले से अदावत थी। दोनों में जंग भी हो चुकी थी। बावजूद इसके राजकुमारी और पृथ्वीराज की नजदीकियां बढ़ती गईं। पृथ्वीराज अक्सर राजा जयचंद की जानकारी के बिना यहां आते थे। राजा जयचंद नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी पृथ्वीराज से हो। पृथ्वीराज ने राजकुमारी संयोगिता से शादी की थी, जो आगे चलकर दोनों की दुश्मनी की वजह बनी।
सीएम योेगी बोले-कन्नौज की ऐतिहासिकता को जानने का अवसर
गुरुवार को लखनऊ के लोकभवन में सीएम योगी और मंत्रियों-विधायकों के लिए फिल्म पृथ्वीराज चौहान की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि यह फिल्म हमें बहुत कुछ इस बात के लिए प्रेरित करती है कि अतीत के बिना वर्तमान नहीं होता है। अतीत की कौन सी ऐसी गलतियां हैं जिन गलतियों का परिमार्जन लगातार 75 वर्षों से करते हुए हम आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आए हैं। 75 वर्षों का ये कालखंड हम सब के लिए चिंतन और आत्मावलोकन का कालखंड है।
आजादी के 25 वर्ष के अमृत काल में हमें देश को कहां लेकर जाना है। इस पर अभी से कार्ययोजना बनाकर उसे लागू करने का प्रयास हम सबके स्तर पर होना चाहिए। सीएम ने कहा कि स्वाभाविक रूप से आज हमारा कन्नौज इत्र के साथ-साथ गोबर के साथ भी जुड़ रहा है।
स्वाभाविक रूप से कन्नौज और यूपी के अन्य स्थलों के बारे में जानने का अवसर भी प्राप्त होगा। सीएम ने कहा कि इस तरह की रचनात्मक फिल्मों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का प्रयास आगे भी जारी रहेगा और यूपी सरकार ऐसे हर प्रयास के सहयोग के लिए खड़ी रहेगी।