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IPL को नया चैंपियन मिला पर हार कर भी जोस बटलर कैसे छाए

हार्दिक पंड्या के नेतृत्व में नई नवेली गुजरात टाइटंस ने टूर्नामेंट में लगातार तीन जीत के साथ शुरुआत की और फिर एक ब्रेक के बाद लगातार पांच मैच जीते. चेन्नई, बैंगलोर, राजस्थान सभी को हराया।लीग दौर में 14 में से 10 मैच जीत कर पॉइंट टेबल में टॉप पर रहे. पहले क्वालिफ़ायर में उसी राजस्थान की टीम से भिड़े जिसे उन्होंने लीग मैच के दौरान हराया था. यहां भी जीत गए. वो भी ख़ास अंदाज में 189 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते.

फ़ाइनल में पहुंचे तो एक बार फिर सामना राजस्थान से हुआ. अब मौका था राजस्थान को टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार हराने का,हार्दिक ये मौका चूकना नहीं चाहते थे।
मैच के दौरान उन्होंने अपनी कप्तानी का बेहतरीन नमूना पेश किया. ठीक मौके के अनुसार गेंदबाज़ी में परिवर्तन किए, फील्डर्स को सही जगह पर मुस्तैद किया ताकि रन रोके जा सकें और इससे बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाया और विकेट हासिल किए,
चाहे राजस्थान के सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल हों या देवदत्त पड्डिकल. जब इनके बल्ले से रन नहीं बन रहे थे तो इन दोनों को ख़राब शॉट खेलने पर मजबूर किया. चतुराई से राशिद ख़ान और साई किशोर का उपयोग किया. और सबसे बढ़ कर ख़ुद इस तरह की किफायती गेंदबाज़ी की जैसा आज तक आईपीएल में किसी ने हार्दिक को करते नहीं देखा.

अपनी बॉलिंग पर चार ओवर में केवल 17 रन दिए और तीन विकेट ले डाले. ये उनका आईपीएल में गेंदबाज़ी का अच्छा सबसे अच्छा प्रदर्शन है,

*गेंदबाज़ी में परिवर्तन करते रहे हार्दिक*
मैच के शुरू से ही हार्दिक पंड्या गेंदबाज़ी में बदलाव पर पूरा ध्यान रख रहे थे.

12वां ओवर हार्दिक ने राशिद ख़ान को डालने बुलाया. एक तरफ़ देवदत्त पड्डिकल 9 गेदों पर बग़ैर कोई रन बनाए खेल रहे थे तो दूसरी ओर जॉस बटलर थे जो इस टूर्नामेंट के दौरान राशिद ख़ान की गेंद पर असहज दिखे.

राशिद ने कप्तान के इस फ़ैसले को सही साबित करते हुए पांचवी गेंद पर देवदत्त पड्डिकल को आउट कर दिया.

अगला ओवर पंड्या ख़ुद करने आए और पहली गेंद पर ही उन्होंने इस टूर्नामेंट का प्राइज़ विकेट जॉस बटलर को आउट कर दिया. बटलर विकेट के पीछे रिद्धिमान साहा को कैच थमा बैठे. बटलर ने 35 गेंदों पर 39 रन बनाए.

बटलर के साथ ही कप्तान संजू सैमसन और हेटमायर का विकेट भी हार्दिक पंड्या ने ही लिया.

मैच के बाद हार्दिक बोले, “मैं अपना बेस्ट आज के लिए बचा कर रखा था.”

12वें से 17वें ओवर के बीच राजस्थान के चार खिलाड़ी पवेलियन लौट गए और 6 से भी कम रन प्रति ओवर बने, ये राजस्थान की हार में सबसे बड़ा कारण बना.

जब राजस्थान ने 130 रन बनाए और फिर गुजरात के दो शुरुआती बल्लेबाज़ पावरप्ले के दौरान ही पवेलियन लौट गए तो ख़ुद बल्लेबाज़ी करने उतरे और एक छोर से जम गए. शुभमन गिल के साथ अर्धशतकीय साझेदारी निभाई और टीम के लिए महत्वपूर्ण रन जुटाए. साथ ही टीम की जीत सुनिश्चित की.

इसके साथ ही गुजरात की टीम चैंपियन बन गई और राजस्थान जो 14 सालों के अंतराल पर फ़ाइनल में पहुंचा था उसका दोबारा आईपीएल जीतने का उसका सपना पूरा न हो सका,
राजस्थान के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ
मैच में टॉस जीतने के अलावा राजस्थान के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. संजू ने जो सोच कर पहले बैटिंग ली. उसके बल्लेबाज़ और ख़ुद संजू ने ख़राब शॉट्स खेले और अपनी विकेटें गंवाईं.

जब टॉस जीत कर संजू ने विकेट को ड्राई बताया था तब वो बल्लेबाज़ी के लायक थी फिर उनके बल्लेबाज़ों के बल्ले से रन क्यों नहीं निकले? जॉस बटलर एक छोर पर खड़े होकर विकेटों को गिरते दिखते रहे और रन गति बढ़ाने की कोशिश में ख़ुद भी ख़राब शॉट खेलते हुए हार्दिक पंड्या की गेंद पर आउट हो गए
इसके साथ ही राजस्थान की ओर से बड़ा स्कोर खड़ा करने की उम्मीद भी समाप्त हो गई,
जब गेंदबाज़ी के दौरान राजस्थान ने मौके गंवाए
भले ही राजस्थान ने स्कोरबोर्ड पर केवल 130 रन ही इक्ट्ठे किए लेकिन उसके पास अपनी गेंदबाज़ी के दौरान गुजरात पर दबाव बनाने का कम से कम दो मौका ज़रूर आया था.

मैच के पहले ओवर में ही जब ट्रेंट बोल्ट की बॉलिंग पर शुभमन गिल के बल्ले का बाहरी किनारा लगते हुए गेंद स्क्वायर लेग पर उछल गई तो युज़वेंद्र चहल के पास उसे लपकने का अच्छा मौका था. लेकिन चहल ने एक आसान कैच टपका दिया और गिल ने मैच में नाबाद 45 रन बनाए. गिल आउट होते तो गुजरात के तीन खिलाड़ी प्लेऑफ़ में आउट हो गए होते. इससे गुजरात दबाव में आ जाता.

गिल को आउट करने का दूसरा मौका तब मिला जब शिमरॉन हेटमायर एक मुश्किल कैच नहीं लपक सके.

लेकिन राजस्थान इस सभी मौकों को भुना नहीं सका और मैच आसानी से हार गया.

गुजरात टाइटन्स की टीम शुरुआत से लेकर अंत तक इस टूर्नामेंट में छाई रही और अंततः चैंपियन बन गई.

कप्तान हार्दिक पंड्या टीम के सबसे बड़े हीरो साबित हुए. पंड्या ने गुजरात के लिए सबसे ज़्यादा 487 रन बनाए और 8 विकेट भी लिए. उनके बाद शुभमन गिल ने गुजरात के लिए सबसे अधिक 483 रन बनाए. वहीं विकेटों के मामले में मोहम्द शमी 20 विकेट के साथ सबसे ऊपर रहे,
हार्दिक की कप्तानी
इन सबसे इतर फ़ाइनल में गेंदबाज़ी में परिवर्तन करने के लिए हार्दिक पंड्या की कप्तान की तारीफ़ की गई. कमेंटेटर उनके हर उस मूव की सराहना कर रहे थे जिससे राजस्थान के बल्लेबाज़ पर दबाव बढ़ रहा था.

अमित मिश्रा ने ट्वीट किया कि हार्दिक पंड्या इस आईपीएल में अच्छे कप्तान बन कर उभरे हैं.

हार्दिक पंड्या की कप्तानी की तारीफ़ ख़ुद पूर्व कोच रवि शास्त्री भी कर चुके हैं. तो टीम के उप-कप्तान राशिद ख़ान उन्हें दिलेर कप्तान बताते रहे हैं.

टूर्नामेंट के दौरान राशिद कह चुके हैं, “वे (हार्दिक) उनमें से हैं जिसने हमेशा निडर फ़ैसले लिए हैं और जो वे करने जा रहे हैं उसे लेकर उनका दिमाग इसे लेकर बिल्कुल स्पष्ट है.”

“बतौर खिलाड़ी, आपको मैच के दौरान कप्तान की ओर से एक तरह की आज़ादी चाहिए होती है. और ये कुछ ऐसा है जो हार्दिक अपने हर खिलाड़ी को देते हैं. वे हमें सकारात्मक ऊर्जा देते हैं.”

इस टूर्नामेंट के दौरान दिखा कि टीम चाहे जीत रही हो या कठिन परिस्थितियों में हो या हार ही रही हो हार्दिक पंड्या कभी अपना आपा नहीं खोते, मैदान में उन्हें सब बेहद कूल देखते हैं और यही कारण है कि उन्हें माही (महेंद्र सिंह धोनी) के बाद दूसरा कैप्टन कूल भी कहा जाने लगा है. ख़ुद पंड्या भी ये कहते नहीं चूकते कि धोनी का उनकी क्रिकेट पर बहुत प्रभाव है.

पंड्या को तीन भारतीय कप्तानों महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा के नेतृत्व में खेलने का अवसर मिला और उन्होंने उन तीनों से कुछ न कुछ सीखा है.

जैसा कि ख़ुद पंड्या ने इसी साल आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी से पहले कहा था, “विराट से मैं जोश, आक्रामकता और मैदान में उनकी ऊर्जा लेना चाहूंगा. माही भाई से मैं संयम, शांत रहना और हर तरह की परिस्थितियों में एक समान रहना लेना चाहता हूं साथ ही ये भी कि कौन सी नई चीज़ मैं ख़ुद में जोड़ सकूं. वहीं रोहित से मैं ये लेना चाहूंगा कि एक खिलाड़ी ख़ुद ये तय करे कि वो मैच में क्या करना चाहता है,बटलर सारे अवार्ड्स ले गए
जॉस बटलर फ़ाइनल भले ही राजस्थान रॉयल्स के लिए नहीं जीत पाए लेकिन मैच के बाद एक के बाद एक कई पुरस्कार लेते चले गए.

उन्होंने टूर्नामेंट में खेले 17 मैचों में 149.05 के स्ट्राइक रेट और 57.53 की औसत से सबसे अधिक 863 रन बनाए. साथ ही सबसे अधिक 4 शतक, सबसे अधिक 45 छक्के, सबसे अधिक 83 चौके और सबसे अधिक तीन बार मैन ऑफ़ द मैच जैसे कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.

फ़ाइनल में जॉस बटलर के बल्ले से केवल 39 रन निकले. हालांकि राजस्थान के 130 रनों के स्कोर में ये भी सबसे बड़ा योगदान रहा.

इसके साथ ही विराट कोहली के 973 रनों के आंकड़े को बटलर नहीं छू सके. 2016 के आईपीएल में कोहली ने आईपीएल के एक सीज़न में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था जो बटलर नहीं तोड़ सके.

इस सीज़न में बटलर के साथ टॉप-5 सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ केएल राहुल 616 रन, क्विंटन डीकॉक 508 रन, फाफ डुप्लेसि 468 रन और शिखर धवन 460 रन रहे,ईनामों की बरसात
आईपीएल जीतने वाली गुजरात टाइटंस को 20 करोड़ रुपये की रक़म ईनाम में दी गई तो उपविजेता राजस्थान रॉयल्स को 12.5 करोड़ रुपये दिए गए.

वहीं कई ऐसे भी अवार्ड दिए गए जिनमें ईनाम की राशि 10 लाख रुपये थी.

ऑरेंज कैपः जॉस बटलर (863 रन)

पर्पल कैपः युज़वेंद्र चहल (27 विकेट)

मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर ऑफ़ द सीज़नः जॉस बटलर

क्रैक इट सीक्सेज़ ऑफ़ द सीज़नः जॉस बटलर (45 छक्के)

ऑन-द-गो फ़ोर ऑफ़ द सीज़नः जॉट बटलर (83 चौके)

पावरप्लेयर ऑफ़ द सीजनः जॉस बटलर (पावरप्ले में सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ी के लिए)

गेम चेंजर ऑफ़ द सीज़नः जॉस बटलर (अपने दम पर कई मैच पलटने के लिए)

इमरजिंग प्लेयर ऑफ़ द सीज़नः उमरान मलिक

फास्टेस्ट डिलिवरी ऑफ़ द सीज़नः लॉकी फर्ग्यूसन (157.3 किलोमीटर की तेज़ी से फ़ाइनल में गेंद डाली)

कैच ऑफ़ द सीज़नः एविन लुइस (रिंकू सिंह का कैच बाएं हाथ से लपका था)

फेयर प्ले अवॉर्डः गुजरात और राजस्थान

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