Uttarpradesh

अजब प्यार की गजब दास्तान…भाई बनकर प्रेमिका की ससुराल पहुंचा प्रेमी और फिर

गौरव शुक्ला की रिपोर्ट

हरदोई 1983 में एक फिल्म रिलीज हुई थी, अभिनेता थे जैकी श्राफ। मूवी का नाम था…“हीरो”। जिस गीत का हम जिक्र कर रहे हैं वह जैकी श्राफ और मीनाक्षी शैषाद्री पर फिल्माया गया था। गीत ने बहुत ख्याति हासिल की थी और जैकी की पहचान भी इसी हिन्दी फिल्म से बनी थी। यह गीत आज भी सुपरहिट है। खासकर यह गीत उन युवाओं को पसन्द आया, जिन्होंने मोहब्बत के झूले पर पहली पेंग बढ़ाई

हरदोई में हुई एक घटना ने इस गीत को एक बार फिर सुपरहिट साबित कर दिया। एक युवती ने शादी के अटूट बन्धन को ठोकर मारकर हवालात में बन्द प्रेमी का हाथ थामना पसन्द किया। आखिर मामला प्यार का था। उन सपनों का था जो प्रेमिका ने अपने प्रेमी के साथ देखे होंगे, उन पलों को साकार करने का था, जो एक-दूसरे से मिलकर भविष्य के सपनों देखने में गुजारे होंगे।
अब हम आपको पूरा मामला बताते हैं। हरदोई जिले के शाहाबाद में बिना मर्जी के अंजान व्यक्ति से शादी होने पर युवती ने सारे बंधन तोड़ दिए। हवालात में बंद प्रेमी का हाथ थाम लिया। पुलिस ने युवती को प्रेमी के साथ विदा कर कानपुर भेज दिया।
शाहजहांपुर के रामचंद्र मिशन थाना क्षेत्र निवासी एक युवती रेलवे की कोचिंग कर रही थी। वहीं पर कानपुर के कल्याणपुर निवासी युवक भी कोचिंग कर रहा था। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। कुछ दिन बाद प्रेमी अपने घर चला आया। इधर, 14 मई को प्रेमिका के परिजनों ने उसकी शादी शाहाबाद कस्बा के मोहल्ला निवासी युवक से कर दी। इस पर प्रेमी मौसेरा भाई बनकर प्रेमिका की ससुराल जा धमका। जहां पर प्रेमिका को थप्पड़ मारते पति ने देख लिया। पति ने इसकी सूचना मायके पक्ष को देकर प्रेमी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। मंगलवार को पुलिस ने दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया।
पति ने पत्नी को साथ रखने और पिता ने मायके ले जाने से इनकार कर दिया। प्रेमिका ने पूछताछ में बताया कि परिजनों ने उसकी जबरदस्ती शादी की है, वह बालिग है, अच्छा बुरा सब जानती हैं। इसलिए वह प्रेमी के साथ जाएगी। यह कहकर युवती ने पिता के अरमानों पर पानी फेरते हुए शादी के अटूट बंधन को तोडक़र हवालात में बंद प्रेमी का हाथ थाम लिया। कोतवाल सुरेश मिश्रा ने बताया कि युवती को प्रेमी के साथ कानपुर भेज दिया गया है।
अगर प्रेमी युवक दुनिया से डर जाता तो प्रेमिका के विवाह में जाकर उसे थप्पड़ मारने की जुर्रत नहीं करता। प्रेमिका को मारे थप्पड़ ने उसे वह जीवन साथी दिला दिया, जिसके लिए उसने यह कदम उठाया और प्रेमिका भी पूरी दमदारी से प्रेमी के साथ खड़ी रही और थप्पड़ खाकर भी थप्पड़ मारने वाले को चुना। क्योंकि उस थप्पड़ के पीछे अथाह मोहब्बत छिपी होगी…
तो फिर बोलिए

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