18 साल बाद पीड़ित को मिला न्याय,आरोपी को 5 वर्ष का कारावास

अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद– विशेष न्यायालय एससी/एसटी न्यायाधीश विजय कुमार गुप्ता, विशेष लोक अभियोजक अशोक कटियार, सहायक शासकीय अधिवक्ता अनुज प्रताप सिंह की कुशल पैरवी के द्वारा वर्ष 2004 जानलेवा हमले के आरोपी को 5 वर्ष का कारावास व 5 हजार रुपया के अर्थदंड से दंडित किया गया। वादी पप्पू नट पुत्र अर्जुन प्रसाद निवासी नगला नट मौजा आवाजपुर थाना मऊदरवाजा कपड़े बेंचने व उसका बहनोई महेश वीसदखाने की फेरी लगाने का काम करते थे। 5 फरवरी 2004 को फेरी लगाते हुए साले-बहनोई थाना नवाबगंज के गांव मिल्क मौजा मुल्ला गये थे। जहां संजू उर्फ संजेश पुत्र ओमप्रकाश ने तांबे की अंगूठी मेरे बहनोई महेश से मांगी गई। मेरे बहनोई ने यह कहकर मना कर दिया कि मेरे पास नहीं है। इसी बात को लेकर संजू जाति सूचक गाली-गलौज करने लगा। विरोध करने पर संजू ने अपनी गोट में लगे तमंचे को निकाल कर मेरे व मेरे बहनोंई के ऊपर फायर कर दिया। तमंचे की फायर से गोली मेरे बहनोई के हथेली पर लगी। जिससे वह घायल हो गए। 18 वर्ष बाद पीडि़त को न्याय मिल गया।
दोषसिद्ध हो जाने पर आरोपी संजू उर्फ संजेश को विशेष न्यायालय एससी/एसटी एक्ट न्यायाधीश महोदय विजय कुमार गुप्ता ने धारा 307 में पांच वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपया अर्थदंड की सजा से दंडित किया। अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं धारा 3(2)(5) अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम से दोषमुक्त कर दिया गया।