गरीबो का करोड़ो का राशन एसआईटी की जांच रिपोर्ट में हुआ था खुलासा

मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई जनपद मेंआज का प्रकरण बेहद ही शर्मसार कर देने वाला है आज के प्रकरण में वह लोग प्रमुख रूप से शामिल है जो लोग सत्ता परिवर्तन का सपना पिछले कई वर्षों से देख रहे है आज यह सवाल बड़ा हो गया है कि क्या यह लोग जनप्रतिनिधि बनने के लायक है।
आज का प्रकरण करोड़ो रूपये के गरीबो को राशन कोटे के माध्यम से वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न घोटाले से सम्बंधित है यह घोटाला वर्ष 2004-05 व वर्ष 2005-06 के बीच हुआ था।
इस भ्रष्टाचार के सम्बंध में लखीमपुर के एक सिरफिरे व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में रिट दाखिल की थी चूंकि प्रकरण गरीबो को मिलने वाले अन्न से जुड़ा था और प्रकरण करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार का था इस कारण उच्च न्यायालय ने जांच के आदेश कर दिए।
तत्कालीन सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जांच का फैसला एसआईटी टीम से दिनांक 29 जून 2007 को लिया तत्पश्चात अपर पुलिस महानिदेशक(एसआईटी)लखनऊने अपनी अंतिम जांच आख्या तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में शासन को 17 अगस्त 2010 को सौप दी।एसआईटी की जांच में यह पाया गया कि सरकार ने जो करोड़ो रूपये का गेंहू व चावल हरदोई की एफसीआई गोदाम में गरीबो को वितरित करने के लिए भेजा था उस गरीबो के गेंहू व चावल को भाजपा के राजबख़्स सिंह, अखिलेश पाठक,में0 दीक्षित एसोसिएट,महेंद्र नाथ गुप्ता,जयराम वर्मा,हैंडलिंग ठेकेदार ट्रांसपोर्टर विनोद कुमार अग्रवाल,विद्याधर शुक्ला,एफसीआई के गोदाम प्रभारी एस पी गुप्ता,प्रेक्षण अधिकारी राजेश श्रीवास्तव,अम्बे ट्रेडर्स,में0श्याम ट्रांसपोर्ट, समेत लगभग 40 लोगो ने कालाबाजारी कर डाली आसान शब्दो मे कहे कि इन चालीस लोग ने गरीबो के गेंहू व चावल को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया।
प्रमुख सचिव गृह के आदेश पर एसआईटी के उपनिरीक्षक अरुण कुमार सोनी की तहरीर पर इन 40 लोगो के खिलाफ लखनऊ में अपराध संख्या 06/2010 धारा 408,409,419,420,467,468,471,120B के तहत इन 40 लोगो एफआईआर पंजीकृत की गई।
आपको बताते चले कि सरकार गरीबो के लिए जो गेंहू व चावल एफसीआई गोदाम भेजती है उस खाद्यान्न को ट्रांसपोर्टर के माध्यम ब्लाक स्तर पर बने गोदामो पर भेजा जाता है जहां से संबंधित ब्लाक के कोटेदार अपनी राशन की दुकानों तक यह खाद्यान्न गरीबो को बांटने के लिए ले जाते है।
जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि सरकार ने जो गेंहू व चावल हरदोई की एफसीआई गोदाम में भेजा था उस गेंहू व चावल को एफसीआई के गोदाम प्रभारी ब्लाक स्तर के गोदाम के प्रभारियों व कर्मचारियों नेताओ व रसूखदार ट्रांसपोर्टरो की मिलीभगत ने फर्जी तरीके से यह दर्शा दिया कि एफसीआई गोदाम से गेहूं व चावल ब्लाक स्तर पर बने सरकारी गोदामो तक भेज दिया गया है लेकिन असल मे गरीबो के अनाज को बेस्ट बंगाल में बेच दिया गया था।
जिन नम्बरो से ट्रांसपोटेशन दिखाया गया वह नम्बर जांच में टेम्पो व बस के निकले और बहुत से ऐसे ट्रक के नम्बर पाए गए जिन ट्रक के नम्बर से यह दर्शाया गया था कि इन उक्त ट्रक के नम्बरो से एफसीआई हरदोई से ब्लाक पर गेहूं चावल भेजा गया उन ट्रक के नम्बर से यह पुष्टि हुई कि उपरोक्त ट्रकों ने रेलवे के धर्मकांटा पर सरकारी गेंहू व चावल की तौल कराई है और तौल के बाद रेलवे के द्वारा सरकारी खाद्यान्न को बेस्ट बंगाल की मंडी में बेचकर करोड़ो करोड़ रुपये अपनी हड़प लिए गए थे।
राजनीतिक दवाब के चलते प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के राजाबख़्स सिंह, पारुल दीक्षित,अखिलेश पाठक, समेत सभी लोगो को ईडी ने पूछताछ के लिए पुनः नोटिस भेजी है इस कारण इन सत्ताधीश की मुश्किलें बढ़ गई है।