Uttarpradesh

उपजिलाधिकारी प्रीति तिवारी के बिदाई समारोह में खुशी भी ग़म भी

गौरव शुक्ला की रिपोर्ट 

अमृतपुर दुनिया तो आनी-जानी है बहता नदिया का पानी है।न जाने कितने अधिकारी आते हैं, और तबादला होने के बाद चले जाते हैं। जिनके नाम याद होंगे वे दो या तीन ही होंगे। उपजिलाधिकारी प्रीति तिवारी के छह माह का कार्यकाल अमृतपुर तहसील के लिए स्वर्णिम युग कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। दबंगों के चेहरों पर खौफ पैदा कर, आम ग्रामीणों को जो खुशी दी है, उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। शनिवार को जब एसडीएम का विदाई समारोह हुआ, तो उसमें हर आँख नम थी। प्रशिक्षण के बाद उन्हें बड़ा ओहदा मिलेगा, इसकी खुशी थी और एक अच्छा अधिकारी क्षेत्र से जा रहा है इसका गम भी था। पत्रकार पीडी शुक्ला व पवन अग्रिहोत्री ने एसडीएम को स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
आपको बता दें उपजिलाधिकारी प्रीति तिवारी तीन माह के प्रशिक्षण के लिए जा रही हैं। उसके बाद उनका तबादला कहाँ होगा, यह तो शासन तय करेगा, लेकिन क्षेत्र मेें उनके लौटने की सम्भावना नगण्य ही है। अवैध कब्जों को हटाकर उन्होंने क्षेत्र में अमन शान्ति पैदा की, उससे क्षेत्र की आवाम बेहद खुश है। उनका प्रयास रहा कि पीडि़त को न्याय मिले। सुश्री तिवारी की निष्पक्ष कार्यप्रणाली मनभावन रही। भारतीय जनता पार्टी के सुशासन की मंशा को उन्होंने अमली जामा पहनाया और क्षेत्र में अमन और भाईचारा कायम रखा।
शनिवार को अपने विदाई समारोह में अपने भावुक सन्देश में एसडीएम प्रीति तिवारी ने कहा बतौर उपजिलाधिकारी अमृतपुर में मेरी पहली पोस्टिंग थी। इसलिए अमृतपुर मेरे मानस पटल पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। हर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को तबादलों की प्रक्रिया से गुजरना होता है और फिर मैं तो प्रशिक्षण पर जा रही हूँ, जिसके बाद मुझे नयी जिम्मेदारियाँ दी जाएंगी। एसडीएम ने कहा मैंने इस क्षेत्र से बहुत कुछ सीखा है। मैंने यहाँ छह माह प्रशिक्षु की भाँति गुजारे हैं। मुझे बड़ों का आशीर्वाद मिला, ग्रामीणों का स्नेह मिला और खासकर बुजुर्ग महिलाओं ने तो मुझे बहुत दुलार दिया। सच पूछो तो मुझे कभी लगा ही नहीं मैं यहाँ अपने परिवार के बीच नहीं हूँ। सुश्री प्रीति तिवारी ने खबरनवीसों का आभार जताते हुए कहा, मुझे अपना मानकर मेरी कई कमियों को पत्रकार भाइयों ने छिपाया और कई बार मुझे सही मार्ग दिखाया। मीडिया की ताकत सबसे बड़ी होती है, अगर पत्रकारों का सहयोग न होता, तो शायद मुझे एक माह काटना मुश्किल होता। प्रीति तिवारी ने समृद्धि न्यूज के संवाददाता डॉ.पीडी शुक्ला को अच्छे कवरेज के लिए खासतौर पर धन्यवाद दिया। प्र्रीति तिवारी ने कहा मैं जिलाधिकारी संजय सिंह, सीडीओ श्रीमती एम.अरुन्मोली की भी आभारी हूँ, उनके सहयोग और मार्गदर्शन ने कभी कोई परेशानी नहीं आने दी। मनुष्य हर समय स्टूडेंट ही रहता है और सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने एक शिक्षक की भाँति मेरा मार्गदर्शन किया। तहसीलदार सन्तोष कुशवाहा का भी एसडीएम ने विशेषतौर पर आभार जताते हुए कहा आपका मार्गदर्शन मैं कभी भी अविस्मिृत नहीं कर पाऊँगी। उन्होंने कहा क्षेत्र में बाढ़ की समस्या गम्भीर है। मैं जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से निवेदन करूंगी, इसके स्थायी समाधान के लिए प्रयास रहें, जिससे लोगों को हर वर्ष गाँव न छोडऩे पड़ें।
प्रीति तिवारी ने कहा मेरा ग्रामीणों से विनम्र निवेदन हैं अपनी बच्चियों को सशक्त बनाएं। उन्हें बेटों जैसा दुलार दें, उनकी ताकत बनें, उनकी कमजोरी नहीं। जिस क्षेत्र में वे जाना चाहें, उन्हें भेजें। नैतिक शिक्षा की आवश्यकता बेटियों से ज्यादा बेटों को है। क्षेत्र के लोगों से प्रीति तिवारी ने कहा मेरा सभी से आग्रह है पौधरोपण कर धरती को हरा-भरा रखें। मिट्टी खनन से बचें, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भविष्य में भुगतने होंगे। सिंगल यूज पॉलीथिन का प्रयोग न करें। जब हम सुधरेंगे तभी जग सुधरेगा। इसलिए सबसे पहले अपने में सुधार लाएं। मैं आप सबके समक्ष बहुत छोटी हूँ, यदि जाने-अनजाने में कोई गलती हुई हो तो अपनी बहन-बेटी समझकर क्षमा करें। मौका मिला तो क्षेत्र में आऊँगी। नम आँखों के साथ प्रीति तिवारी अपनी कार पर सवार होकर निकल गयीं एक नये सफर के लिए, एक नये पड़ाव के लिए, एक नये भविष्य के लिए, स्वर्णिम भारत निर्माण की कल्पना लेकर….।
विराम।

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