ब्राह्मण हु इसलिए सही वक्त पर ले रहा हु पिता की हार का बदला

मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई जनपद में आज कल चुनाव को लेकर नई नई सुर्खियां आ रही है चुनाव को लेकर आज फिर एक नई बात सामने आ रही है जहां पर चुनाव के चलते बदले कि भावना को लेकर प्रत्याशी चुनाव में उतरे है ओर चुनाव जीत कर बदले कि भावना को शांत करेंगे ओर वादा के रहे है नरेश अग्रवाल को चुनाव हरवा कर दूँगा पिता की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा
एक कहावत है कि ब्राह्मण बावन साल तक अपमान नही भूलता है।
बसपा ने हरदोई की 156 विधानसभा से जब शोभित पाठक सनी को टिकट दिया तब यह लोगो की धारणा बन गई कि शोभित पाठक डमी कैंडिडेट है व भाजपा प्रत्यासी को जिताने के लिए बी टीम बनकर चुनाव लड़ रहे है आमजनमानस के अंदर जो डमी कैंडिडेट की धारणा है उसको लेकर बसपा प्रत्यासी से बात की गई कई प्रश्न पूछे गए उन प्रश्नों के उत्तर में कुछ प्रकरण निकल कर सामने आए जो कही न कही यह दर्शाते हैं कि बसपा ने डमी कैंडिडेट मैदान में नही उतारा है
बसपा प्रत्यासी से जब पूछा गया कि
(प्रश्न)_वर्ष 2017 में हुए नगर पालिका के चुनाव में सपा प्रत्याशी सुखसागर मिश्रा मधुर जिनको नरेश अग्रवाल ने चुना था।नरेश अग्रवाल के कहने पर सपा प्रत्यासी की मदद आपने की थी तो अब उन्ही नेताजी के खिलाफ चुनाव क्यो लड़ रहे है।
इस सवाल के जवाब में बसपा प्रत्यासी शोभित पाठक सनी ने कहा कि नरेश अग्रवाल न भी कहते तब भी वह सुखसागर मिश्रा मधुर की मदद करते क्योंकि लालन शर्मा के परिवार से उनके बहुत पुराने पारिवारिक रिश्ते थे और आज भी है इस कारण पिता(स्वर्गीय सुरेंद्र पाल पाठक) के कहने पर मधुर मिश्रा की मदद की थी
(प्रश्न) आमजनमानस में धारणा है कि बसपा का टिकट नरेश अग्रवाल के कहने पर मिला है
(जवाब)
नरेश अग्रवाल मुस्लिम समाज का वोट काटने के लिए अख्तर गाजी का टिकट कराना चाहते थे लेकिन बहन जी ने मना कर दिया।जो लोग यह समझते है कि मुझे नरेश अग्रवाल के कहने पर टिकट मिला है तो उन भाइयो को यह समझना चाहिए कि मैं जाति से ब्राह्मण हू बसपा के मूल वोटबैंक के साथ साथ मुझे मेरे इष्ट मित्र रिश्तेदार के साथ साथ ब्राह्मणो का भी वोट मिलेगा जो सीधे तौर से नरेश अग्रवाल का ही नुकसान होगा।क्योंकि नरेश अग्रवाल ने 2017 के चुनाव के बाद यह समझ लिया था कि 2022 के चुनाव में उनका सामना क्षत्रियों से होगा इस कारण पिछले कई वर्षों से ब्राह्मण समुदाय को अपने साथ जोड़ रहे थे लेकिन बसपा ने मुझे टिकट देकर उनकी कठिनाई और बढ़ा दी है (प्रश्न)बड़े बड़े भाजपा व सपा के दिग्जजो से कैसे जीत पाएंगे चुनाब
(जवाब )
अग्रवाल परिवार पिछले चालीस वर्षो से हरदोई की सत्ता पर काबिज है पासी,मुस्लिम,व वैश्य समुदाय का वोट बैंक सदैव अग्रवाल परिवार के पक्ष में रहा है कभी ब्राह्मण को तो कभी क्षत्रिय समुदाय के वोटबैंक को अपने पाले में करके हरदौई की सत्ता पर काबिज होते आये है।लेकिन वर्तमान समय मे भाजपा प्रत्यासी के पास मात्र वैश्य समाज का वोटबैंक बचा है।क्योकि इस चुनाव में सपा के प्रत्यासी पासी विरादरी से आते है इस कारण सपा के पास मुख्य रूप से पासी, यादव,व मुस्लिम समुदाय का वोटबैंक है जो लगभग एक लाख चार हजार होता है
हमारे साथ बसपा का मूल वोटबैंक व ब्राह्मण समुदाय का वोटबैंक है और क्षत्रियों का भी आशीर्वाद उन्हें प्राप्त होगा भाजपा तीसरे नम्बर पर है उनकी लड़ाई भाजपा से नही सपा से है भाजपा प्रत्यासी बहुत बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे
(प्रश्न) सदर सीट से ही चुनाव क्यो लड़ रहे है जब कि इस सीट पर कई दिग्गज चुनाव हार चुके है।
(जवाब )
मैं सदर सीट क्या किसी भी सीट से चुनाव नही लड़ना चाह रहा था क्योंकि अभी हाल में ही मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी लेकिन बसपा सदर सीट से किसी ब्राह्मण चेहरे को टिकट देना चाह रही थी मेरे कुछ मित्रों शुभचिंतको ने मुझे जातीय समीकरण के साथ साथ सुनहरा अवसर बताया
आपको बताते चले की शोभित पाठक सनी ने कहा कि वह उस ब्राह्मण जाति से आते है जो जाति मान व अपमान 52 वर्षो तक नही भूलती है इन्ही नरेश अग्रवाल ने वर्ष 1996 में शाहाबाद लोकसभा से चुनाव लड़कर मेरे पिता जी को चुनाव हरवाया था इलियास आजमी को चुनाव जितवाया था।जाति से ब्राह्मण हु सही वक्त पर पिता की हार का बदला ले रहा हु मैं समय के इंतजार में था ईश्वर की कृपा से सही समय पर बहन जी ने बसपा से टिकट देकर मौका दे दिया नरेश अग्रवाल की हार निश्चित है नरेश अग्रवाल को चुनाव हरवा कर पिताजी की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि देगे नरेश अग्रवाल की हार के लिए ब्राह्मणों व क्षत्रियों को एक मंच पर आना होगा